बहन को गर्म करके पेला-I Made My Sister Hot And Fucked Her

sexy story बहन  सेक्स कहानी में मेरी बहन  की मोटी गांड देख कर मेरा दिल उनके साथ सेक्स करने का हो गया  और कैसे मैंने बहन को चोदा. मैं उनके साथ सोता था. एक रात मैंने सोती हुई बहन  की चूचियाँ सहलाने शुरू कर दी.

नमस्ते दोस्तो,
मैं रोहित शर्मा है ! मेरी उम्र 19 साल है और रंग गोरा है. मेरी हाइट 6 फुट 5 इंच है.

आज मैं आपका दोस्त, आपके लिए एक नयी sexy story बहन सेक्स कहानी लेकर आया हूँ.

अपनी बहन  के बारे में मैं क्या बताऊं, मेरी बहन  का नाम रीना है.
उनकी उम्र अभी सिर्फ 23  साल है. उनकी हाइट 6  फुट 6 इंच है.
मेरी बहन बहुत ही ज्यादा गोरी व गुलाबी है. उनका फिगर 38-36-30 का है.

मैं मध्यप्रदेश के एक छोटे से गांव में रहता हूँ.
हमारे घर में पुराने जमाने वाला लकड़ी का गेट लगा है.

घर में अन्दर बहुत बड़ा आंगन है जिसमें दाईं तरफ से सीढ़ियां है.
सीढ़ियों के नीचे लेट्रिन बनी है. बाईं तरफ किचन है और किचन के सामने हैंडपंप लगा हुआ है.
वहीं पर सब लोग नहाते हैं.

आंगन के बीचों बीच में तुलसी का पौधा लगा हुआ है.
आगे की तरफ एक बहुत बड़ा 40×40 का हॉल बना हुआ है जिसमें मैं और बहन  रहते हैं.

उसी के ऊपर एक और कमरा बना हुआ है, जिसमें ताऊजी और ताईजी और उनके दो लड़के रहते हैं!

कोरोना काल में हमारे ताऊ जी को इन्फेक्शन हो गया था जिसके चलते उनकी मौत हो गयी.
उनके परिवार का सारा भार पापा के ऊपर ही आ गया था.
अब पापा ही हम सब लोगों का खर्चा चलाते हैं.

इसी वजह से पापा अहमदाबाद के बड़े होमगार्ड की ड्यूटी   करते हैं और वे वहां रहते है.
हमारी कमाई भी अच्छी खासी है.

बड़े होमगॉर्ड की ड्यूटी  की जिम्मेदारी होने की वजह से पापा कभी घर आ जाते है और कभी आते हैं … वह भी महीने में एक बार आ पाते हैं.

ताई जी  के दोनों लड़के दून इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ते हैं, इसलिए वे दोनों वहां हॉस्टल में रहते हैं.
मैं अजमेर यूनिवर्सिटी से बीबीए कर रहा हूँ और गांव वाले घर से रोज आता जाता रहता हूँ.

तभी कुछ ही दिन में हमारी रिश्तेदारी में कोई शादी थी ! मैं और मेरी बहन शादी में  जाकर वापस 

आ रहे थे !

अभी हम दोनों लोग अपने घर से करीब बीस किलोमीटर दूर थे कि तभी बारिश होने लगी और हम दोनों घर आते आते पूरी तरह से भीग चुके थे.

जब बहन  बाइक से उतर कर घर के अंदर जा रही थी.
तब मैंने पहली बार बहन  को इतने गौर से देखा.

बहन  की बड़ी सी गांड से पेटीकोट और साड़ी दोनों एकदम चिपके हुए थे.
उस वक्त मेरी बहन  बहुत ही मस्त माल लग रही थीं.

जब बहन  अपने बड़े बड़े कूल्हे मटकाती हुई जा रही थीं, तब वे एकदम चोदने लायक माल लग रही थीं.
मेरा मन कर रहा था कि उनको अभी पकड़ लूँ और उसकी चुम्मी ले लूं.

यह सोच बनते ही मेरा लंड उफान मारने लगा था.

फिर मैंने बाइक को आंगन में खड़ी कर दी और बाहर के गेट की कुंडी लगा कर कमरे के अन्दर जाने लगा.

तभी बहन  ने कहा- रोहित तू थोड़ी देर बाहर रह, मैं कपड़े बदल रही हूँ.
मैंने सोचा कि यह सही मौका है बहन  की गांड देखने का.

मैं कुछ छेद वगैरह ढूंढने लगा ताकि मैं कमरे के अन्दर का नजारा देख सकूं.

जैसा कि मैंने शुरुआत में आपको बताया था कि हमारे घर के दरवाजे पुराने जमाने की लकड़ी से बने हुए हैं. उस दरवाजे में दो खड़ी झिरी हैं, जिनमें से बड़ी आसानी से अन्दर का नजारा देखा जा सकता था.
बस अब मैं कमरे के अंदर झांकने लगा.

कमरे में अंधेरा होने के कारण मुझे कुछ नहीं दिखाई दिया.
मैं मन मसोस कर रह गया.

कुछ देर बाद बहन  दरवाजा खोलकर निकलीं तो वे मैक्सी पहनी हुई थी.

फिर बहन  ने मेरी तरफ अजीब सी नजरों से देखते हुए कहा- जाओ तुम भी अपने कपड़े बदल लो, नहीं तो दाद खुजली हो जाएगी.
मैंने कपड़े उतार कर चड्डी बनियान पहन ली.

अब मैं बिल्कुल सामान्य हो चुका था.
मतलब अब मेरे मन में बहन  के प्रति कोई गलत विचार नहीं था.

कुछ ही देर में शाम गहरा चुकी थी.

बहन  ने खाना बनाया और फिर हम दोनों ने खाना खाया.
मैं और बहन  रोज एक ही बिस्तर पर सोते हैं.

रोज की तरह आज भी हम दोनों एक साथ लेट गए.

पूरे घर में कोई नहीं था, सिर्फ मैं और बहन  थे.
घर का कोई भी सदस्य लगभग दो हफ्तों तक नहीं आने वाला था.

रात के करीब 12  बजे चुके थे और पानी अभी तक गिर रहा था.
उससे सर्दी भी बढ़ गयी थी.

मैं चड्डी बनियान में था उसके कारण मुझे ज्यादा सर्दी लग रही थी.
मैं ठंड से कांपने लगा तो बहन  ने उठ कर एक रज़ाई मुझे दे दी और खुद भी ओढ़ ली. मैं बहन  से चिपक कर सो गया.

करीब 2 बजे मेरी आंख खुली तो मेरा एक हाथ बहन  के पेट पर था और एक टांग बहन  के कूल्हों पर थी, जिससे मेरा लंड उफान मारने लगा.
मैंने अपनी आंखें बंद करके सोने का नाटक करते हुए बहन  के बूब्स पर हाथ रख दिया और मैक्सी के ऊपर से धीरे-धीरे उनके दूध दबाने लगा.

जब बहन  ने कुछ प्रतिक्रिया नहीं दिखाई तो मैं बहन  के चूचे जोर जोर से दबाने लगा.
कुछ देर बाद बहन  की आंखें खुल गईं.

उन्होंने मेरी तरफ देखा और मेरे हाथ व पैर अपने ऊपर से हटा दिए.
कुछ देर बाद मैं फिर से अपने हाथ से बहन  के कूल्हों को सहलाने लगा.

बहन  ने फिर से मेरा हाथ पकड़ कर अलग कर दिया.
अब मैंने अपने लंड को हिलाया और पूरा पानी निकाल कर बहन  के चूतड़ों के ऊपर डाल कर सो गया.

मैं सुबह उठा तो बहुत डर रहा था कि रात की बात के कारण बहन  मुझ पर गुस्सा होकर पापा को न बता दें.
लेकिन बहन  ने ऐसा कुछ नहीं किया.

फिर मैं नहा कर नाश्ता करके यूनिवर्सिटी के लिए निकल गया.
अब मैं बहन  को चोदना चाहता था और सारे दिन उसी के बारे में सोचता रहा.

दोपहर तक मैं यूनिवर्सिटी से पापा के पास  पहुंच गया.
वहीं पर मैंने खाना खाया और आराम किया.

पापा ने मुझे कुछ पैसे दिए और कुछ मिठाइयां घर ले जाने के लिए दीं.

उन्हें लेकर करीब 5  बजे निकल पड़ा.
घर जाते हुए मैंने अपनी गाड़ी एक मेडिकल शॉप पर रोकी, वहीं से मैंने चॉकलेट फ्लेवर का कंडोम का पैकेट,  तेल और कामोत्तेजक दवाइयां व गर्भ निरोधक दवाएं ले ली, जिन्हें खाने से बहन  प्रेग्नेंट न हों.

इन सब चीजों को लेकर मैं घर आ गया.
मैंने पैसे और मिठाइयां बहन  को देकर, कंडोम वगैरह सब छुपा कर रख दिए.
फिर मैं अपने दोस्तों के साथ खो-खो  खेलने चला गया.

हम लोग गाँव में रहते हैं, तो हम लोग खेतों में खेलते हैं.
हम लोग सर्दियों में क्रिकेट, गर्मियों में गुल्ली डंडा और वर्षा के मौसम में खो-खो  खेलते हैं.

वर्षा के मौसम में खेतों में पानी भर जाता है, तब खो-खो  खेलने में बहुत मजा आता है.

 नदी से एक नहर फूटी हुई है, जो हमारे गांव से निकलती है.
जब हम लोग खो-खो  खेल कर गंदे हो जाते हैं, तो हम लोग नहर में जाकर नहाते और स्विमिंग करते हैं.

कभी कभी हम लोग लंबे घूमने भी निकल जाते हैं.

उस समय बरसात का मौसम था तो हम लोगों ने खो-खो  खेली और फिर हम लोग नहर में तैरने चले गए.

हम लोग शाम को करीब 8 बजे अपने अपने घर चले गए.
मैंने घर पहुंच कर कपड़े उतार कर चड्डी बनियान पहन ली.

बहन  ने खाना बनाया फिर मैं खाना खाकर पढ़ने बैठ गया.
बहन  अपने काम करने के बाद मैक्सी पहन कर लेट गयी.

रात के करीब 1 बजे मैंने अपनी किताबों को बंद कर दिया और मैं चुपके से उठ कर बहन  को देखने लगा कि बहन  सोई या नहीं.

बहन  सो चुकी थी.

फिर मैंने दबे पांव जाकर कंडोम वगैरह सब चीजों को उठाकर अपने तकिया के नीचे रख लिया.
उसके बाद मैंने कमरे की लाइट बंद कर दी और रज़ाई में घुस कर बहन  से चिपक गया.

जैसे ही मैं बहन  से चिपका, तो बहन  की गांड मेरे लंड से टच हो गई. इस कारण से मेरा लंड खड़ा होने लगा.
आधा घंटा बाद मैंने अपनी चड्डी बनियान उतार दी.
फिर मैंने एक कंडोम निकाल कर अपने लंड पर चढ़ा लिया.

बहन  सीधी लेटी हुई थी, तो मैंने आहिस्ते आहिस्ते बहन  की मैक्सी ऊपर खिसका दी.
मुझे बहन  की चूत दिखाई दी, बहन  की चूत पर इतने बड़े बड़े बाल थे कि मुझे चूत का छेद दिखा ही नहीं.

फिर मैंने अपने लंड को हिलाकर शांत कर लिया.
आज वीर्य कंडोम में ही था इसलिए कंडोम हटा कर एक तरफ रख दिया.

फिर मैंने बहन  का हाथ पकड़कर अपने लंड पर रखवा दिया और सो गया.

मैं सुबह जल्दी उठ गया तो मैंने देखा कि बहन  मेरी तरफ पीठ करके लेटी हुई थी.
बहन  की मैक्सी उसके पेट तक नहीं हुई थी, जिससे उनकी गोरी गुलाबी गांड मुझे साफ दिख रही थी.

बहन  की चूत कितनी झांटों के जंगल में खोई हुई थी.
उनकी गांड उतनी ही गुलाबी और मस्त दिख रही थी.

बहन  के बड़े बड़े चूतड़ देखकर मेरा लंड फिर से उफान मारने लगा.
मैं फिर से लंड हिलाने लगा और अबकी बार पानी मैंने बहन  की गांड पर डाल दिया और मैं सोने का नाटक करने लगा.

कुछ देर बाद बहन  उठीं और उन्होंने ये सब देखा तो वे चकित रह गईं.
बहन  ने सोचा कि मैंने उनकी गांड मार ली.

तब बहन  ने तुरंत अपनी गांड साफ की और वे मेरी तरफ आने लगीं.

मैं डरने लगा.
मुझे लगा अब तो मैं गया, पर मैं शांत लेटा रहा और बीच बीच में थोड़ी सी आंखें खोल कर देखता रहा.

फिर बहन  मेरे पास आईं. उन्होंने मेरे लंड पर नजर डाली और मुझे रज़ाई से ढक दिया.
मुझे मन में बहुत डर लग रहा था कि बहन  मुझसे गुस्सा होकर पापा को इस सबके बारे में बता न दें.

कुछ देर बाद मैं चुपचाप उठकर नहाने चला गया.

जब मैं नहा कर नाश्ता वगैरह करके निपटा तो बहन  ने मुझे एक झापड़ मार दिया.
बहन  ने कहा- तुमने कल मेरे साथ ये क्या किया, अगली बार ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए!
मैंने कहा- सॉरी बहन , आज के बाद ऐसा कुछ नहीं करूंगा.

फिर मैं यूनिवर्सिटी चला गया और लौट कर आया तो खेलने चला गया.

खेल कर लौट कर आने के बाद मैंने खाना खाया और पढ़ने बैठ गया; पढ़ने के बाद मैं शांति से सो गया.

आधी रात को मुझे लगा कि कोई मेरे कपड़े उतार रहा है.
मैंने हाफ कच्छा और बनियान पहन रखी थी.

जैसे ही मैंने आंखें खोल कर देखा तो कोई नहीं दिखा और मेरा कच्छा उतरा हुआ था.
फिर मैंने सोचा कि हो ना हो ये बहन  ने किया है, पर जो सुबह हुआ … उसे डर भी लग रहा था.
लेकिन फिर मैंने सोचा जो होगा, देखा जाएगा.

मैंने अपने चड्डी बनियान उतार दिए और एक चादर ओढ़कर सो गया.
कुछ देर बाद बहन  ने मेरे ऊपर से चादर को हटा दिया और वे मेरे लंड को सहलाने लगीं.
लेकिन मैं बिल्कुल शांत लेटा रहा.

फिर बहन  ने मुझे अपनी तरफ खींच लिया और मेरे लंड को हिलाने लगीं.
बहन  की इस हरकत से मैं चकित रह गया.
मैं उनका इशारा और इरादा दोनों ही समझ गया था.

उनको अपने पास खींच कर मैं भी किस करने लगा.
बहन  ने भी मेरी जीभ को अपने मुँह में ले लिया.

अब कभी मैं उनकी जीभ को अपने मुँह में लेकर चूस रहा था, कभी वह मेरी जीभ को चूस रही थीं.

करीब 15 मिनट तक हम दोनों ऐसा करते रहे.
अब हम दोनों ही गर्म हो चुके थे.

मैंने उठकर सबसे पहले बहन  के पैर पर चूमा.
धीरे-धीरे मैं ऊपर की तरफ आता गया और बहन  के पूरे जिस्म को चूमता रहा.

मैं धीरे-धीरे उनकी मैक्सी ऊपर करते हुए आगे बढ़ता जा रहा था.

बहन  को बहुत मजा आ रहा था और वे मादक आवाजें निकाल रही थीं ‘आ … ऊ … आ … इस्स.’

आज मैंने उनकी चूत को देखा, तो उनकी चूत एकदम साफ थी.
मतलब आज बहन  चुदने के पूरे मूड में थी.

बहन  की चूत रस से पूरी भीग चुकी थी, जिससे बहुत अच्छी महक आ रही थी.

मैंने उनकी मैक्सी उतार दी, वे पूरी नंगी हो गईं.
फिर मैं बहन  के ऊपर होकर उनके निप्पलों को बारी बारी से चाटने लगा और उनके मम्मों को आम की तरह चूस रहा था.

फिर उन्होंने मुझसे मेरे कान में कहा- मुझे चोद दो बेटा!
यह कह कर वे मेरे ऊपर चढ़ गईं और मेरे होंठों पर किस करते हुए, मेरी छाती को चाटने लगीं.

मैं अपनी उंगलियों को बहन  की फूली हुई चूत में डाल कर मजा लेता और देता रहा.

कुछ देर बाद मैं उनकी चूत को चाटने लगा.
इससे उन्हें मजा आने लगे.

कुछ ही देर में बहन  चिल्लाने लगीं ‘आह … आह … आह.’

फिर बहन  बैठ गईं और मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं.
कुछ मिनट बाद मैंने अपने लंड का पानी बहन  के मुँह में छोड़ दिया और उन्होंने मेरे लंड का पूरा पानी गटक लिया.

अब हम दोनों कुछ देर के लिए रुक गए. बहन  सीधी लेट गईं.
मैंने उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगा दिया.

तभी बहन  बोल पड़ीं- बेटा, अब बर्दाश्त नहीं होता, जल्दी से लंड डाल दो.

यह सुनकर मैंने अपना लंड उनकी चूत के छेद पर रखा और जोर का झटका मार कर पूरा लंड चूत में डाल दिया.

बहन  की चीख निकल गयी- हाय … रे मर गई … मेरी फट गई.

मैं बहन  की आह को अनसुना करके उसको चोदने लगा तो वे जोर जोर से चीखने लगीं ‘उम्म … आह … बड़ा अच्छा लग रहा है … ओह’
X बहन  सेक्स करते हुए उनके साथ मैं भी आवाज निकाल रहा था- आह … ले … बहन  पूरा … ले लो … अन्दर तक आह … लो मेरा लंड ले लो!

करीब 20- 25 मिनट तक हमारा ये खेल चलता रहा.
कभी डॉगी स्टाईल, कभी मैंने लेट कर बहन  को लंड पर कुदाया.

ऐसे ही बहुत सारी पोजीशनों में हमने चुदाई का आनन्द लिया और हम दोनों नंगे ही सो गए.

सुबह बहन  करवट लिए सो रही थी तो मैंने बहन  को धक्का दे दिया.
वे उल्टी हो गईं.

मैंने एक और कंडोम अपने लंड पर चढ़ाया और बहन  के चूतड़ों को पसार कर उनके बीच में उनकी गांड को देखा और उसमें जापानी तेल डालकर मैंने अपना लंड बहन  की गांड में डाल दिया.

बहन  की बहुत तेज चीख निकल गयी.
वे कहने लगीं- हरामी … मादरचोद … तूने पूरी रात मेरी चूत में ये मूसल डाला है … देख साले चुत कैसी सूज गयी है. अब क्या साले मेरी गांड भी फाड़ी चाहता है?

मैंने कहा- साली, तेरे गोरे गोरे चूतड़ मेरा लंड खड़ा कर रहे थे. मैंने सोचा उसे तो रेल बना दूं.

बस यह कह कर मैं अपनी पूरी ताकत से झटके मारने लगा और उनके चूतड़ों पर बहुत तेज तेज थप्पड़ मारने लगा.
पूरे कमरे में ‘फ़ट … फ़ट … ठप … ठप…’ की आवाजें गूंजने लगीं.

करीब 10 मिनट बाद मैं झड़ गया.
मैंने कंडोम अपने लंड पर से निकाल कर पूरा पानी बहन  के चूतड़ों पर डाल दिया.

बहन  ने मेरा लंड और कंडोम को जीभ से चाट कर साफ कर दिया.

चुदाई के बाद हम दोनों लोग उठकर अपना अपना काम करने लगे.

मेरी इतनी धमाकेदार चुदाई  करने से बहन  की गांड और चूत दो दिन तक सूजी रही.
अब हम दोनों कभी भी चुदाई कर लेते हैं.

दोस्तों यह थी मेरी और मेरी xxx antarvasna sexy story ऑफ़ सिस्टर फ़क !

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