मेरी हिंदी सेक्स कहानी मेरी चाची की चुदाई की सच्ची कहानी है.मेरा नाम क्रिश है, मेरी उम्र 19 साल की है. यह बात आज से करीब 3 साल पहले की है, उस वक्त मैं पढ़ाई के लिए अपने चाचा के घर मुंबई आया था. मेरे चाचा शराब के बहुत डाइहार्ड फैन हैं. उनको दिन भर शराब पीने की आदत है और हमारी अंतरवासना चाची जिनका नाम टीना है.
उनकी हाइट करीबन 6 फुट 2 इंच होगी, चुचे ज्यादा बड़े नहीं हैं. वे थोड़ी पतली भी हैं, लेकिन एक बार अगर देख लो, तो कसम से पांच मुठ मारे बिना नहीं रह पाओगे.
जब से चाचा की उनसे शादी हुई थी, तब से ही मैं चाची को पेलने का ख्याल अपने मन में संजोए हुए था कि हो ना हो.. एक बार तो अपना लंड अंतरवासना चाची की चुत में ज़रूर पेलूँगा.
चाचा से चाची को सिर्फ़ एक ही लड़का हुआ है. चाचा के 24 घंटे नशे में धुत्त रहने के कारण वो अब सेक्स नहीं कर पाते. चाची की ये उदासी मुझसे देखी नहीं जाती थी.
वैसे तो चाची मेरे बारे में कभी ऐसा वैसा नहीं सोचती थीं, लेकिन मैं हमेशा से उनको चोदने का मौका खोजता रहता था और अपनी कोई हिंदी सेक्स कहानी बनाना चाहता था.
चाचा और चाची का अपने बेडरूम में सोते थे और मैं बाहर हॉल में सोफे पे सोता था. क्यूंकि बेड पर सोने की मेरी आदत नहीं है, तो मैं टीवी देखते हुए सोफे पर ही सो जाता था.
रोज सुबह जब चाची उठती थीं, तो मेरी भी आँख खुल जाती. मैं उन्हें चोरी चोरी आँखें बंद करके देखता रहता. सुबह जब वो उठती थीं तो उनकी नाईटी के अन्दर से उनके हिलते हुए चुचे एकदम साफ़ दिखते थे क्योंकि उस वक्त वे अन्दर ब्रा नहीं पहने होती थीं.. बल्कि यूं कहें कि वे ब्रा कम ही पहनती थीं. इसके अलावा जब चाची काम करती थीं, तो उनकी साड़ी भी खुलने सी लगती तो मैं उन्हें घूरता रहता था. जबकि वो अपने काम करने में ही मस्त रहती थीं.
चाचा सुबह अपने लड़के को स्कूल छोड़ कर काम पर चले जाते थे और घर में सिर्फ़ मैं और मेरी चाची ही बचते थे.
जब वो नहा कर आतीं, तो मैं बाथरूम में जा कर उनकी पेंटी में ही मुठ मार दिया करता था और उन्हें शक भी नहीं होता था. क्योंकि मैंने बड़े ध्यान से उनकी पेंटी को देखा था कि उनकी पेंटी में बहुत से सफेद दाग लगे रहते थे, जिससे ये पता चलता था कि चाची रात को या फिर दिन में ही कितनी बार झड़ जाती होंगी.
इसी तरह मेरे दिन कट रहे थे.
एक दिन जब मैं बाथरूम में उनकी पेंटी में मुठ मारने घुसा, तो देखा कि उनकी पेंटी बहुत ही ज्यादा गीली थी, ऐसा लग रहा था जैसे कि नहाने से पहले वो अपनी चुत में उंगली डालकर डिसचार्ज हुई हों. उनकी पेंटी में उनका सारा सफेद पानी लगा हुआ था, जो कि बहुत चिपचिपा था. मैं बिना वक्त गंवाए, उनकी पेंटी पर अपना लंड रगड़ने लगा और फिर मुठ मार के बाहर निकल आया. hindi audio sex stories उस दिन से मैं उन्हें पेलने का प्लान बनाने लगा. लेकिन समझ नहीं आ रहा था कि कैसे उन्हें मनाऊं.
अब मेरे खुराफाती दिमाग में एक आईडिया आया और मैंने इसे फॉलो किया.
दूसरे दिन मैं जल्दी नहाने चला गया और अपना फोन भी साथ ले गया. मैंने अपने फोन में सीक्रेट वीडियो रेकॉर्डिंग ऑन कर दी थी.. और फोन को इस तरह से रखा था कि ऐसा लगे कि फोन गलती से यहां छूट गया हो.
मैं नहा कर बाहर आया ही था कि चाची चली गईं.
चाची नहा के बाहर आई और मुझे बुलाकर बोलीं कि क्रिश ज़रा यहां आओ.
मैं फटाक से गया क्योंकि मुझे डर भी लग रहा था कि कहीं वो समझ तो नहीं गई. लेकिन चाची बोलीं- तुम्हारा फोन अन्दर क्या कर रहा था?
मैं बोला- शायद ग़लती से वहीं रह गया होगा.. क्यों किसी का कॉल आया था क्या?
चाची बोलीं- नहीं, कॉल तो नहीं आया था.
उन्होंने फोन मुझे वापस दे दिया. मैं जल्दी से छत पर गया और फोन अनलॉक करके वीडियो देखने लगा कि क्या बना है. मैंने देखा कि चाची अपनी पेंटी उतार कर अपनी उंगलियों को चुत में घुसा रही हैं और अपनी बुर को रगड़ रही हैं. तभी मैंने देखा कि चाची नहाने के बाद मेरा फोन उठा कर देख रही थीं कि कहीं वीडियो रेकॉर्डिंग तो नहीं हो रही है. लेकिन शायद वो समझ नहीं पाई कि ये सीक्रेट वीडियो रेकॉर्डिंग हो रही है.
अब मेरे पास उन्हें ब्लैकमेल करने का पूरा इंतजाम था.
दूसरे दिन जब मैं नहा कर निकला तो मुझे शरारत सूझी. उस वक्त चाची वहीं खड़ी थीं और मैंने अपना तौलिया ढीला कर दिया ताकि वो नीचे गिर जाए और चाची जी को मेरे लंड के दीदार हो जाएं.
वही हुआ, तौलिया खुल गया, चाची अपलक मुझे घूरती रहीं लेकिन मैं उनसे शरमाने का नाटक करने लगा- चाची प्लीज़ अपनी आँखें बंद कर लीजिए.
लेकिन 2 मिनट तक देखने के बाद चाची पलट गईं और मेरा काम भी आसान हो गया. मेरी झांटें बड़ी थीं और लंड भी लंबा होकर खड़ा हो गया था. antarvasna story
शाम को मैंने चाची से मजाक में ही बोला- चाची आज आपने कुछ देख लिया था क्या?
तो चाची बोलीं- हां मैंने तो बहुत कुछ देखा है.
मैंने बोला कि किसी को बताना मत प्लीज़.
लेकिन चाची बोलीं कि नहीं मैं तो सबको बताऊंगी.
तो मैंने भी उनकी इसी बात का फायदा उठा लिया और बोला कि मेरे पास भी कुछ ऐसा है, जो मैं सबको दिखा दूँगा.
चाची बोलीं- क्या.. क्या है तुम्हारे पास?
मैंने उन्हें उनकी वीडियो रेकॉर्डिंग की एक झलक दिखा दी, वो एकदम घबरा गईं और पूछने लगी कि ये तुम्हारे पास कैसे आया?
लेकिन मैंने उन्हें कुछ नहीं बताया.
चाची ने मुझे बहुत धमकाया कि मैं तुम्हारे चाचा को बता दूँगी कि तुमने मेरी ऐसी वीडियो बनाई है.
लेकिन मैं उनकी धमकियों से डरने वाला नहीं था. मैंने कहा कि हां बता देना मैं तो इसे नेट पर डाल दूंगा.
अब चाची डर गईं और मुझसे पूछने लगी कि तुम चाहते क्या हो?
मैंने बिना डरे बोल दिया कि मैं आपको चोदना चाहता हूँ.
चाची मेरे ऊपर गुस्सा हो गईं और बोलीं- अब मैं तुम्हारे चाचा को बताती हूँ.
लेकिन मैं भी कुछ कम नहीं था. मैंने भी बोल दिया कि ठीक है, बता दो.. फिर उसके बाद मैं जो करूँगा, उसका अंजाम अच्छा नहीं होगा.
रात को खाना खाने के बाद चाचा अपने रूम में चले गए और चाची भी चली गईं.
मैं हॉल में बैठ कर टीवी देख रहा था कि रात के करीब 1 बजे चाची के रूम का दरवाजा खुला. मैं जाग रहा था, लेकिन चुपचाप सोने का नाटक कर रहा था.
मैं जानना चाहता था कि आखिर चाची करना क्या चाहती हैं.
चाची मेरे पास आईं और मेरा फोन उठा कर उसे अनलॉक करने की कोशिश करने लगीं, जब लॉक नहीं खुला तो मुझे उठाने लगीं. एकदम धीरे से, जैसे कोई कानों में फुसफुस रहा हो.
मैं उठा, मैंने पूछा कि आप इतनी रात को यहां क्या कर रही हो?
तो उन्होंने बोला कि प्लीज़ क्रिश वो वीडियो डिलीट कर दो प्लीज़.. तुम्हें जो चाहिए मैं दूँगी.. लेकिन प्लीज़ उसे डिलीट कर दो.
मैंने उन्हें झट से अपने ऊपर खींच लिया.
वो एकदम से घबरा गईं लेकिन उन्होंने मेरा विरोध नहीं किया. मैं उनके गले पर किस कर रहा था कि वो बोलीं कि यहां नहीं.. तुम्हारे चाचा अगर उठ गए तो ह्म दोनों की खैर नहीं.
मैं बिना वक्त गंवाए उनको छत पे ले आया. छत पर एक स्टोर रूम था, जो हमेशा खुला रहता था. वहां कोई आता जाता नहीं था. मैं उन्हें ले कर स्टोर रूम में घुस गया और दरवाजा अन्दर से बंद कर लिया ताकि कोई आ ना सके.
अंतरवासना चाची मुझसे बोल रही थीं कि क्रिश जो तुम कर रहे हो, वो ग़लत है.. मैं तुम्हारी चाची हूँ.
लेकिन मैं उनकी बातें नहीं सुन रहा था. मेरे दिमाग़ में तो उनकी कमसिन चुत घूम रही थी और उनकी चुत का पानी मुझे बौरा रहा था.
यह हिन्दी सेक्स कहानी आप अंतरवासना पर पढ़ रहे हैं.
मैं उनकी साड़ी खींचते हुए उतारने लगा. मैं उनकी साड़ी ऐसे उतार रहा था जैसे कि उनका चीर हरण कर रहा होऊं. मैं जल्द ही उन्हें पेटीकोट और ब्लाउज में ले आया. अब मेरा लंड भी एकदम तन गया था. मैंने उन्हें अपनी बाँहों में कस के दबा लिया और एक हाथ से उनकी चुत को पेटीकोट के ऊपर से ही सहलाने लगा. उनकी चुत पर बहुत सारे बाल थे, जो कि मुझे महसूस हो रहे थे.
चाची भी अब गरमा गई थीं और मादक सिसकारियां ले रही थीं. मैंने उनके पेटीकोट के अन्दर अपना हाथ डाल दिया तो पाया कि चाची ने पेंटी नहीं पहनी हुई थी. मेरा हाथ सीधे उनकी झांटो वाली चुत से छू गया. चुत के स्पर्श मात्र से मेरे तो लंड में आग सी लग गई. मैंने उनके ब्लाउज को एकदम खींच कर खोलना शुरू कर दिया. दो पल में चाची का ब्लाउज भी खोल दिया.
अब चाची सिर्फ़ पेटीकोट में ही थीं, ब्रा तो वे ज्यादा यूज करती ही नहीं थीं क्योंकि उनके चूचे ज्यादा बड़े नहीं थे. मैंने उनके पेटीकोट का नाड़ा अपने दांतों से खोल दिया और वो उनके पैरों के पास गिर गया. अब मैं घुटनों के बल बैठ गया. मेरे सामने मेरी अंतरवासना चाची का गोरा नंगा बदन दिख रहा था. चाची की चुत से ढेर सारा पानी निकल रहा था, जो कि उनकी झांटो पर लगा हुआ था. चाची की चुत पर इतने ज्यादा बाल उगे हुए थे कि पानी में भीग कर एकदम तर हो गए थे. मैं उनकी झांटो को ऊपर से चाटने लगा. उनका पानी जो कि उनकी झांटो पर लगा हुआ था. धीरे धीरे मैं सब पानी चाट गया.
फिर मैंने अपनी जीभ उनकी चुत में घुसा दी, वो एकदम काँप सी गईं और अब उनके मुँह से सिसकारियां तेज हो रही थीं. मैं बिना रुके उनकी चुत में अपनी जीभ को पेलता गया. अब तो चाची भी मेरा साथ दे रही थीं. चाची अपने हाथों से मेरा सिर अपनी चुत पे दबाए जा रही थीं.. और तो और.. वो मेरे बालों को ऐसे नोंच रही थीं, जैसे कि मैं ठीक से चुत की चुसाई नहीं कर रहा हूँ.
चाची ने मुझे ऊपर उठाया, मुझे कस के पकड़ लिया और बोलीं- आज अपनी चाची को पेल दे क्रिश … मैं बहुत तड़फती हूँ इसके लिए, तेरे चाचा तो चोवीस घंटे नशे में होते हैं, इसीलिए उनसे बात तक करने का मन नहीं करता. इसीलिए आज अपनी अंतरवासना चाची को फिर से हरा-भरा कर दे क्रिश .
मैं उनकी बातों से और उत्तेजित हो गया और उनके बालों को ज़ोर से पकड़ कर उन्हें बिठाया और उनके मुँह में अपना 8 इंच लंबा और मोटा लंड पेल दिया. चाची ज़ोर ज़ोर से मेरे लंड को चाटने लगीं.
अब मुझसे भी नहीं रहा जा रहा था, मैंने उन्हें वहीं ज़मीन पर लेटा दिया और उनकी बुर को थोड़ा चाटने के बाद अपना लंड उनकी चुत के छेद पर रख कर एक झटका दे मारा. चाची ज़ोर से चिल्ला उठीं, इतनी ज़ोर से चिल्लाईं कि अगर कोई छत पर होता तो जाग जाता. लेकिन छत पे सिर्फ़ हम दोनों ही थे और चाचा नीचे थे.. इसीलिए उन्हें आवाज नहीं सुनाई पड़ी. hindi sex kahaniyan
अंतरवासना चाची की चुत में 3 साल बाद कोई लंड जा रहा था, इसीलिए उन्हें बहुत दर्द हो रहा था. चाची के नाखून से मेरे पीठ पे बहुत सारे निशान बन गए, लेकिन मैंने उस पर इतना ध्यान नहीं दिया. मैं बस उनको चोदने में ही मस्त था. उनकी चुत एकदम कसी हुई थी, ऐसा लग रहा था मानो किसी ने अपने हाथों से मेरे लंड को पकड़ कर रख लिया है, इतनी टाइट थी उनकी चुत.. मुझे लंड को अन्दर बाहर करने में बहुत जोर लगाना पड़ रहा था. क्यूंकि उनकी डिलीवरी भी ऑपरेशन से हुई थी, इसीलिए उनकी चुत एकदम सही सलामत थी.
मैं आंखें बंद करके जोर ज़ोर से झटके लगाए जा रहा था. चाची मेरे नीचे पड़ी ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थीं लेकिन मैं बिना रुके उनकी चुत को चोदता चला जा रहा था.
काफी देर के बाद अंतरवासना चाची डिस्चार्ज हो चुकी थी, वो बार बार अपना सिर इधर उधर हिला रही थीं और सुस्त हो कर पड़ी हुई थीं और मैं अब भी उनको उसी रफ़्तार में पेले जा रहा था.
उनकी चुत इतनी गीली हो गई थी कि मेरा लंड उसमें सटासट फिसलने लगा था और छप.. छाप.. छप.. छाप की आवाज़ें गूँज रही थीं.
करीब 15 मिनट के बाद मैं भी उनकी चुत में ही डिसचार्ज हो गया और अपना सारा पानी उनकी कसी हुई चुत में ही छोड़ दिया.
अब मैं भी एकदम सुस्त उनके ऊपर लेट गया और मेरा लंड अब भी उनकी चुत में ही पड़ा था.
थोड़ी देर बाद चाची उठीं और अपने कपड़े पहनने लगीं. तो मैंने पूछा कि चाची इस वीडियो का क्या करूँ?
तो चाची बोलीं- इसको रखे रहो.. फिर कभी काम आएगा तुम्हारे.
मैं हंस दिया.
चाची ने मुझे बोला कि अब से रोज तुम्हीं मुझे चोदोगे और अगर ऐसा नहीं किया तो मैं तुम्हारे चाचा को बता दूँगी कि क्रिश मेरा वीडियो बना रहा था.
मैंने बोला- चाची ये कोई बोलने वाली बात है क्या.. मैं तो अब से रोज तुम्हें ऐसे ही चोदूँगा.. आप चाचा से मत कहना.
हम दोनों वहीं हँसने लगे.
और फिर अंतरवासना चाची नीचे चली गईं. थोड़ी देर बाद मैं भी नीचे जा कर सो गया. उस समय सुबह के 5 बज रहे थे. जब सुबह मैं उठा तो देखा सब एकदम नॉर्मल था. चाचा जा चुके थे. चाची किचन में काम कर रही थीं.
मैंने उनको आवाज दी तो चाची आ कर मुझसे लिपट गयी और हम दोनों का खेल शुरू हो गया. इस तरह मैंने अंतरवासना चाची को खूब चोदा.
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आज भी मैं जब भी मुंबई जाता हूँ, तो चाची को चोदे बिना रह नहीं पाता हूँ और इसके बारे में किसी को कानों कान खबर भी नहीं है.
यह कहानी मेरी सच्ची हिंदी सेक्स कहानी है, इसमें कोई मिलावट नहीं है. धन्यवाद. और हमारी वेबसाइट www.antarvasnakatha.com पर डेली विजिट करें और आनंद लें !