चाची की चुदाई-Aunty Sex Hindi sex stories

चाची  की भड़कते जिस्म को देख मेरा मन उत्तेजित हो हरेक रात उनकी दमदार चुदाई के सपने देखने लगा हालांकि उससे दोगुना मजा उनकी असल चुदाई करके मैंने महसूस किया।

हैलो दोस्तो, मेरा नाम सोनू  है और मैं स्लिम मिड हाईट 6’8″ का और वजन करीब 52-54 किलो है। मैं 27 साल का हूँ, इन दिनों मैं देहरादून में रहता हूँ।

आज मैं आपको मेरे और मेरे चाची  के सेक्स की कहानी सुनाता हूँ। यह बात आज से करीब 7-8 साल पहले की है जब मेरी उम्र 21 साल की थी और मेरी चाची  33 की थीं।

मेरी जवानी शुरु हुई थी और उनकी जवानी के शोले भड़कते थे। मेरी चाची  बहुत सेक्सी और सुन्दर है। शी हेज गोट ए ब्यूटीफुल बॉडी शेप 37-29-37! शी हेज गॉड मेड बूब्स एज वेल एज बटक्स!

उनका सुडौल गोरा बदन बहुत हसीन है। वैसे वो मेरी रियल चाची  नहीं हैं वह मेरे चाचा  की सेक्रेटरी थी, बाद में पापा ने माता जी के कोंन्सेंट से उससे अनओफियसली शादी कर ली।

मैं पहले उनको सुमन  आंटी कहता था, पर अब चाची  ही कहता हूँ।

मैं चाची  को जब भी देखता तो मुझे उनका सेक्सी फिगर देखकर मन मे गुदगुदी होती थी।

मैंने उनको एक दो बार चाचा  के ऑफिस में आधा नंगा (जैसे जब वह स्कर्ट पहनती थी तो उनकी थाईज बड़ी जबरदस्त होती थी तब वह मेरे पापा की सेक्रेटरी थी।

एक दो बार मैंने चाची  को चाचा  के ऑफिस के प्राइवेट रूम में जो चेंजिंग रूम कम रेस्ट रूम था। मैं छुप कर कपड़े चेंज करते भी देखा था, और मैं उनके चूचे और चड्डी के नीचे के एरिया को छोड़कर पूरा नंगा देख चुका था।

चाची  की बॉडी एकदम संगमरमर की तरह चिकनी थी। उनकी जांघें ऐसी लगती थी जैसे दो केले का जोड़ा हो। उनके होंठ एकदम लाल की पंखुड़ियों की तरह थे और गाल एकदम कश्मीरी सेब जैसे लाल।

चाची  एकदम टाईट फिटिंग के कपड़े पहनती थी और मैं उनको बहुत नज़दीक से देखकर अपनी आँखों को आराम दिया करता था।

मतलब जब से मेरा लण्ड खड़ा होना शुरू हुआ वो बस सुमन  (चाची ) को ही तलाशता और सोचता था। मैं उनकी बॉडी को देखकर अपने मन और आँखों की प्यास बुझाया करता था।

लेकिन पहले जब तक वह सुमन  आंटी थी मुझे उनसे नफरत थी और मैं सोचता था कि एक दिन इनको तसल्ली से चोदकर अपनी भड़ास निकालूँगा।

पर बाद में उनके लिए मेरे पापा के प्यार ने और उनके अच्छे व्यवहार ने मुझे चेंज कर दिया।

अब वो हमारे घर पर फर्स्ट फ्लोर में रहती थी। चाचा  और उनका बेडरूम फर्स्ट फ्लोर पर था और हुम लोग ग्राउंड फ्लोर पर रहते हैं।

चाचा  सुमन (चाची ) के साथ फर्स्ट फ्लोर पर ही सोते हैं बेड रूम के साथ ही एक और रूम है जो एज ए कॉमन रूम यूज़ होता है। धीरे धीरे मैं चाची  के और करीब आने लगा।

वह शायद मेरा इरादा नहीं समझ पा रही थीं। वह मुझको वही बच्चा समझती थी पर अब मैं जवान हो गया था।

जैसे ही मैंने कॉलेज में एडमिशन लिया तो चाचा  ने ऑफिस का वर्क भी मुझको सिखाना शुरू कर दिया और मैं भी फ्री टाइम में रेगुलरली ऑफिस का काम देखने लगा।

मोस्टली मैं एसोसिएट्स का काम देखता हूँ क्योंकि मैं समवेयर स्टूडेंट था।

कॉलेज में भी मुझे कोई भी लड़की चाची  से ज्यादा सेक्सी नहीं लगती थी।

अब मझे जब मौका मिले मोन्स को टच करके, जैसे उनकी जाँघों पर हाथ फ़ेर के, उनके चूतड़ पर रब करके या कभी जानबुझकर उनके बूब्स छु लिया करता।

चाची  पता नहीं जानबूझकर या अनजाने में अनदेखा कर देती थी, या वह मेरा उद्देश्य नहीं समझ पाती थी।

कभी चाचा  रात को मुझे अपने बेड रूम में बुलाते थे और ऑफिस के बारे में चाची  और मेरे साथ डिसकस करते। क्योंकि चाची  अक्सर नाईट गाऊन में होती थी और मैं पूरी तसल्ली से उनके बदन का मुआयना करता था।

उनके बूब्स बिल्कुल पके हुए आम जैसे मुझे बड़ा ललचाते थे, कई बार चाची  को भी मेरा इरादा पता चल जता था पर वो कुछ नहीं कहती थी।

अब तो मेरी बेचैनी बढ़ती जा रही थी और मैंने चाची  की चुदाई का पक्का इरादा कर लिया और मौके की तलाश करने लगा।

एक दिन जब चाचा  ने मुझे फर्स्ट फ्लोर पर रात को 12 बजे बुलाया तो मैं ऊपर गया तो चाचा  ने बताया कि उनको रात 2 बजे की फ्लाइट से 2 सप्ताह के लिये अर्जेंट बाहर जाना है और वो मुझे और चाची  (सुमन ) को जरूरी बातें ब्रीफ करने लगे।

चाची  थोड़ा घबरा रही थीं तो चाचा  ने कहा- सैंडी डार्लिंग, यू डोंट वरी! तुम और सोनू  सब सम्भाल लोगे, सोनू  तुम्हारी मदद करेगा। कोई प्रॉब्लम हो तो, मुझे कॉल करना! वैसे यू विल मैनेज, देयर विल बी नो प्रॉब्लम!

उसके बाद चाचा  ने मुझसे कहा- सैंडी थोड़ी नर्वस है, तुम जरा बाहर जाओ मैं उसको समझाता हूँ।

मैं बाहर आ गया तो चाचा  ने अन्दर से दरवाजा बन्द कर दिया, लेकिन मुझको शक हुआ कि चाचा  मेरी अनुपस्थिति में सुमन (चाची ) को क्या समझाते हैं?

मैं की-होल से चुपके से देखने लगा। लोजिकली डोर पर कर्टेन नहीं चढ़ा था और लाईट भी जल रही थी। लेकिन मैंने जो देखा तो मैं स्तब्ध रह गया।

चाचा  चाची  को बाहों में लेकर किश कर रहे थे और चाची  क्राई कर रही थी। फिर चाचा  ने चाची  के होंठ अपने होंठों पर लेकर डीप किश लिया तो चाची  भी जवाब देने लगी। फिर चाचा  ने चाची  का गाऊन पीछे से खोल दिया और पीठ पर रब करने लगे।

चाची  और चाचा  अभी भी एक दुसरे को किश कर रहे थे और दोनों लम्बी सांसें ले रहे थे कि मैं सुन सकता था। फिर चाचा  ने चाची  का गाऊन पीछे से उठाया और उनकी चड्डी भी नीचे करके चाची  के चूतड़ पर रब करने लगे।

चाची  की पीठ दरवाजे के तरफ थी जिस कारण मुझे चाची  की गांड और चूतड़ के दर्शन पहली बार करने का मौका मिला।

चाची  के चूतड़ एकदम संगमरमर से मुलायम और चिकने नजर आ रहे थे। चाची  क्राई भी कर रही थीं और मस्ती में लम्बी सांसें भी ले रही थीं।

फिर अचानक चाचा  ने चाची  का गाऊन आगे से ऊपर किया और उनकी चूत पर उंगलियाँ फिराने लगे पर मैं कुछ देख नहीं पाया क्योंकि वो दूसरी साइड थीं।

फिर चाचा  दूसरी तरफ़ पलटे तो चाची  की चूत वाली साइड मेरे तरफ़ हो गई और अब मैं चाची  की चूत थोड़ी बहुत देख सकता था।

पर डोर से कुछ नज़र साफ नहीं आ रहा था। चाची  की चूत का मैं अन्दाज लगा सकता था क्योंकि चाचा  वहाँ पर उंगलियाँ फिरा रहे थे और चाची  के खड़े होने के कारण चूत पूरी नजर नहीं आ रही थी।

वो बस एक छोटी लाइन से दिख रही थी जहाँ चाचा  उंगली फिरा रहे थे। उसके बाद चाचा  नीचे झुके और चाची  की चूत पर अपने होंठ रख दिए।

यह मुझे साफ़ नहीं दिख रहा था पर मैं गेस कर सकता था कि चाची  अब जोर जोर से सिसकारियाँ लेकर मजे ले रही थी और चाचा  भी मस्ती में थे।

लेकिन अचानक जाने क्या हुआ कि चाचा  रुक गए और उन्होंने चाची  को छोड़ दिया और चाची  को लिप्स पर किश करते हुए बोले- डार्लिंग आई ऍम सॉरी! आई कांट गो बियॉन्ड लेट आई कम बिकॉज़? सोनू  इज आल्सो आउट, एंड आई ऍम गेटिंग लेट आई ऍम वैरी सॉरी!

चाची  भी तब तक शांत हो चुकी थी पर वो असन्तुष्ट लग रही थी। वो सामान्य होते हुए बोली, इट्स ओके!
और उन्होंने अपना गाऊन ठीक किया।

उसके बाद चाचा  ने मुझको आवाज़ लगाते हुए कहा- सोनू , आर यू देयर बेटा?

मैं चौकन्ना हो गया और अपने को नार्मल करने लगा क्योंकि मेरा लण्ड एकदम खंभे के माफिक खड़ा हो गया था और मेरी धड़कन भी नार्मल नहीं थी। लेकिन जब तक चाचा  डोर खोलते मैं नार्मल हो गया था।

फिर चाचा  ने दरवाजा खोला और बोले- ड्राईवर को बुलाओ और मेरे सामान गाड़ी में रखो। रात काफी हो गई है, यू डोंट नीड टू कम एयरपोर्ट आई विल मेनेज एंड प्लीज! सी द ऑफिस एंड फोर वन वीक टेक लीव फ्रॉम द कॉलेज एंड असिस्ट सैंडी।

मैं और चाची  चाचा  को ड्रॉप करने जाना चाहते थे पर चाचा  ने स्ट्रिक्टली मना कर दिया। चाचा  को हमने गुड बाय कहा और चाचा  ने हुमको बेस्ट ऑफ़ लक कहते हुए किश किया।

जब चाचा  चले गए तो चाची  ने मुझसे कहा- सोनू  आज तुम ऊपर वाले कमरे में ही सो जाओ मुझे कुछ अच्छा नहीं लग रहा है।
मैं तो ऐसे मौके की तलाश में ही था। मैं एकदम से थोड़ा झिझकने का नाटक करते हुए हाँ! कह दिया।

फिर मई चाची के पास रूम मे चला गया था फिर मे और चाची एक साथ सो गए थे फिर चाची मेरे पास ही सो गयी थी फिर वे कपडे बदल के आ गए थे।

फिर चाची मेरे पास आ गयी और सो गयी फिर मेरा लंड खड़ा हो गया वो चाची की गांड मे चूब रहा था तो चाची बोली ये क्या है मने कहा चाची कुछ नहीं फिर वो सो गयी थी फिर रात के 3 बेज थे फिर चची ने मुँह मेरे तरफ कर लिया था ।

फिर मेने चाची की किश किया फिर चाची मेरी तरफ देखने लगी और मुझे पकड़ कर किश की फिर मै शुरू हो गया ।

और मेने चची को अचे से पकड़ कर कर किश की और फिर मेने चाची के कपड़े उतार लिए फिर मेने उनको अच्छे से किश किया था ।

फिर उनको कपड़े उतार कर पीछे से पकड़ कर उनके कपड़े उतार लिए और फिर उनके कपड़े उतर लिए फिर उनकी चुत मै अपना लंड डाला ।

फिर वि आवज़े करने लगी मेने खा बीएस तोहड़ा सा फिर मेने उनकी पूरी रात चुत ली जिस से जब सुबहे वो बिली किसी को मत बताना और कहने लगी की रात को बहुत मजा आया था । 

यह कहानी मेरी सच्ची हिंदी कहानी है इसमें कोई मिलावट नहीं है धन्यवाद और हमारी वेबसाइटwww.antarvasnakatha.com पर डेली विजिट करे और आंनद ले ।

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