सेक्स करो प्यार से-Have Sex With Love

दोस्तो, मेरा नाम जतिन गर्ग है और मैं अभी 29  साल जीवन के पूर्ण कर चुका हूँ और जोधपुर, राजस्थान में रहकर अपना जीवन व्यतीत कर रहा हूँ सेक्स करो प्यार से।

लड़का हो या लड़की हर किसी को अपने एक साथी की तलाश रहती है और वो तलाश तब तक रहती है जब तक एक अच्छा साथी मिल न जाये। किसी को सेक्स के लिए साथी की तलाश होती है तो किसी को प्यार की। किसी को टाइम पास के लिए तो किसी को ऐशो आराम के लिए साथी की तलाश होती है।

पर मेरी नज़र में मुझे ऐसे साथी की तलाश रहती है कि जो बहुत अकेला हो और जिसे सच में एक अच्छे रिश्ते की तलाश हो। जहाँ प्यार हो, अपनापन हो और सेक्स तभी हो जब दोनों तरफ रजामंदी हो। इसी सोच के साथ मैंने आज तक जितने भी रिश्ते जीवन में अपनाये उन्हें बखूबी निभाये। पर किस्मत कब किसका साथ छुड़वा दे ये कहना मुश्किल है।


को पढ़कर मेरे पास सैंकड़ों मेल आये और सबने सेक्स को लेकर बहुत से भ्रम पाल रखे हैं। जिसकी कई जानकारी तो मैं अपनी पहले की पोस्ट में डाल चुका था पर कुछ अलग ही समस्या से पीड़ित थे। खैर आज मैं यहाँ कुछ ऐसी जानकारी लेकर आया हूँ कि वो बहुत ही आप सबके उपयोगी होगी।


दोस्तो, सबसे पहले तो एक बात ध्यान रखो कि सेक्स संतुष्टि ही सब कुछ नहीं होती है। सबसे पहले तो आप उसकी हर छोटी-छोटी चीजों का ख्याल रखो कि उसे क्या पसंद है क्या नहीं, ये जानना बेहद जरूरी है सेक्स करो प्यार।

कभी भी जीवन साथी या प्रेमी/प्रेमिका के साथ किसी भी बात को लेकर दबाव मत बनाओ। अगर लड़की को लंड चूसना नहीं पसंद है तो उसे उसके लिए जबरदस्ती न करे। बल्कि उसे ऐसे वीडियो दिखाओ कि वो खुद उसके लिए राजी हो।
बिना साफ़ किये लंड को कभी भी लड़की के मुँह में न दे। ऐसा करने से वो कभी आपका लंड मुँह में नहीं लेगी। जब तक आप अपने साथी का ख्याल नहीं रखेंगे वो कभी भी सेक्स में आपका साथ नहीं देगी/देगा।

लड़के हमेशा सेक्स में हायपर हो जाते हैं और सोचते हैं कि बस अब तो सारा पानी लड़की के मुँह में ही निकाल दूँ। पर ऐसा करने से पहले अपने हमसाथी को उस रूप से परिपक्व भी करना जरूरी है।

लड़की कई बार लड़के के द्वारा अधूरी चुदाई से परेशान हो जाती है, पर वो परेशान होने की जगह उस लड़के से उसकी समस्या को पूछे और उसका साथ दे। कई बार नर्वस हो जाने पर लड़का जल्दी परेशान भी होने लगता है। अपने साथी का ख्याल आपको भी रखना होगा। अगर उसका जल्दी पानी छुट जाता है तो उसे सेक्स के समय कहें कि धीरे धीरे प्यार से सेक्स करे और आप भी जब वो लंड चूत में डाल रखा हो तो चूत के ऊपर बने दाने को रगड़ते रहें। इससे आपकी चूत जल्दी पानी छोड़ देगी और आपको कभी नहीं लगेगा कि उसने पानी जल्दी छोड़ दिया।

आप लड़के को सेक्स में कॉपरेट करे और जिस लड़के का पानी जल्दी छुटता है तो उसे कहो कि मैं लंड अभी नहीं चूसूंगी अन्यथा तुम्हारा पानी पहले ही छुट जायेगा। अत: तुम पहले मुझे फारिग करो और फिर मैं तुम्हारे लिए सब करती हूँ। इससे वो पहले आपको रोमांस और प्यार कर फारिग करेगा और फिर बाद में स्वयं होगा।

सेक्स करते वक्त मन को सेक्स के साथ, ओरल और फॉर प्ले की तरफ भी लगाओ। जितना फॉर प्ले होगा, सेक्स उतना ही शानदार होगा। लड़के को लड़की के बदन का कोई हिस्सा नहीं छोड़ना चाहिये और पैर से लेकर उंगली उसे चाट जाना चाहिए। इससे लड़की ज्यादा रोमांचित होगी सेक्स करो प्यार।

मैं आपको अपनी एक सेक्स कहानी बताता हूँ जो मेरी और मेरी एक दोस्त के बीच हुई; शायद आप इससे समझ जायेंगे सेक्स में संतुष्ट कैसे किया जाता है।

मेरी एक दोस्त थी, नाम था खुशी, हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे।
एक बार हम दोनों साथ में माउंट आबू गये और वहाँ पहुँच कर हमने एक डबल बेड का रूम बुक करवाया। हम दोनों दोस्त थे और वो भी बहुत अच्छे वाले।

पूरे दिन माउंट आबू घूमे और फिर होटल आकर रूम में चले गये। हम दोनों खुले विचारों वाले थे तो मैंने हम दोनों के लिए एक एक बियर ऑर्डर की और साथ में कुछ खाने को मँगवाया। हम दोनों ने कपड़े बदले और एक दूसरे से बातें करने लगे सेक्स करो प्यार।

मैं उस वक्त शोर्ट नेकर और बनियान में था और ख़ुशी ने शॉर्ट्स नेकर और टीशर्ट पहन रखी थी सेक्स करो प्यार।

खुशी  के बारे में बता देता हूँ पहले। खुशी एक मॉडलिंग करने वाली लड़की है और हमारी दोस्ती किसी एक इवेंट में हुई थी और धीरे धीरे हमारी दोस्ती ज्यादा क्लोज हो गयी। खुशी और मेरी उम्र दोनों की उस समय बराबर ही थी और यह बात लगभग 3  साल पहले की है।

खुशी की हाईट करीब 5’6 ″ और उसके चूचे 33  के करीब थे। सच कहूँ वो जन्नत से कम नहीं थी, दूधिया जैसी सफेद और एकदम परी जैसी; बड़े-बड़े नाख़ून और उन पर नेल पॉलिश। सुंदर पैर और बड़े बड़े बाल, आँखें उसकी एक दम हिरनी जैसी, एक जलपरी से कम नहीं थी वो।
जब पहली बार मैंने उसे देखा था तो मैं उसे बार-बार देखता ही रहा।

खैर अभी कहानी पर आते हैं हम… वो मेरे सामने बैठी और मैं उसके सामने और एक रजाई में हम दोनों पैर डाल बैठे थे और एक दूसरे से मस्ती भरी बातें कर रहे थे।

बियर रूम में आ चुकी थी और हम दोनों केन को ओपन कर बियर पीने लगे और एक दूसरे मस्ती करने लगे। हमारी मस्ती हमें रोमांचित कर रही थी और मुझे सच में मस्ती, मजाक और बातें करना बेहद पसंद है।
हमारी मस्ती बढ़ती जा रही थी और एक दूसरे को करीब लाती जा रही थी। बियर का नशा ज्यादा नहीं था क्योंकि मुझे तो वैसे भी दो तीन बियर से नशा होता नहीं है। पर उसे जरूर थोड़ा शरूर होने लगा।

रूम में हमने टीवी ओन कर म्यूजिक वाला चैनल चला लिया और उन गानों पर डांस करने लगे।
हम दोनों को ज्यादा ही अच्छा लगने लगा और एक दूसरे से मस्ती करते-करते भूल गये हैं दोस्त है। एक दूसरे को बाँहों में भर कर एक दूसरे के करीब आ गये। मस्ती चढ़ चुकी थी और मन भी रोमांस की ओर बढ़ रहा था।

पता नहीं खुशी को क्या हुआ, उसने मेरे होंठ पर होंठ रख दिये और किस कर लिया। मुझे भी अच्छा लगा, मैंने भी वही दोहराया। वो जैसा करती, मैं वैसे करने लगा और अब तो बात इतनी आगे बढने लगी कि हम दोनों के होंठ एक दूसरे से जुड़ गये और स्मूच होने लगा सेक्स करो प्यार।

मजा आ रहा था और बहुत अच्छा लग रहा था। हम दोनों एक दूसरे को कई देर तक किस करने में लगे रहे और पता नहीं कब एक दूसरे को बाँहों में लेकर बिस्तर पर लेट गये। नम्रता मेरे ऊपर लेटकर मेरे होंठों को चूसती ही जा रही थी और मेरा हाथ उसके कूल्हों पर फिरने लगे तो कभी उसकी कमर पर।

अब तो मन बहुत आगे बढ़ने को इशारा करने लगा, पर जब तक खुशी की तरफ कोई इशारा न मिले, मेरा आगे बढ़ना भी उचित नहीं लग रहा था। मैं बस उसके जवाब की प्रतीक्षा में उसके साथ किस करने में ही लगा रहा।
खुशी अब मेरे होंठों को छोड़ मेरे गालों को काटने लगी और धीरे धीरे वो नीचे की ओर जाने लगी। उसे पता नहीं कैसा भूत सवार हुआ कि उसने मेर बनियान निकालने की जगह फाड़ दी और मेरे सीने पर किस करने लगी; मेरे दोनों निपल्स को मुँह में लेकर बारी चूसने लगी।

मैं समझ चुका था कि आज रूम में घमासान चुदाई की दास्ताँ लिखी जाएगी सेक्स करो प्यार।

खुशी पागलों की मुझे हर जगह काटने लगी। मैंने उसे गोद में उठाया और सीधे बाथरूम में ले गया और बाथटब में लेटा कर पानी चालू कर दिया और खुद भी उसमें आ गया।
खुशी बोली-जतिन  कपड़े भीग जायेंगे ऐसे तो सारे।
मैंने कहा- निकाल दो।
तो वह बोली- यह काम तुम ही करो ना फिर तो।

मैंने अपना शॉर्ट्स निकाल दिया तो खुशी बोली- ये भी तो निकाल दो।
मैंने कहा- चड्डी तो रहने दे यार।
तो वो बोल पड़ी- नहीं, ये भी निकाल।

मैंने उसकी बात को समझ चड्डी निकाल दी। मेरा लंड तो पहले से ही तोप की तरह सलामी देने को तैयार था, जैसे ही चड्डी निकाली वो झटके से बाहर आया।

खुशी मेरे लंड को निहारने लगी, वो बोली- जतिन, मैंने पहली बार पेनिस देखा है।
मैंने कहा- सच में? या झूठ बोल रही है?
खुशी बोली- जतिन, सच कह रही हूँ… बच्चों की नुनु तो कई बार देखी है पर पेनिस आज पहली बार देखा है।

मैं समझ चुका था कि खुशी पहली बार आज मेरे साथ सेक्स करेगी और मुझे भी लगने लगा इसे ऐसा सेक्स दूँ कि ये जब भी सेक्स करे तो मुझे याद करे सेक्स करो प्यार।

मैंने खुशी को बाथटब से उठाया और उसे खड़ा किया अपने पास और उसके जिस्म पर उंगली फेरने लगा और उसकी टीशर्ट निकालते हुए उसके जिस्म को निहारने लगा।

खुशी ने ब्रा नहीं पहनी थी तो टीशर्ट निकालते ही बूब्स आजादी का अनुभव करते हुए हिलने लगे। उसके बूब्ज़ की गुलाबी निप्पल सच में इतनी मोहक थी कि मैं भूल ही नहीं सकता। मैंने ज्यादा समय व्यक्त न कर उसके शॉर्ट्स को नीचे सरका दिया।

यह क्या… खुशी ने तो पेंटी भी नहीं पहन रखी थी।
मैं बोला- खुशी ये क्या, तूने तो नीचे कुछ नहीं पहना?
खुशी बोली- जतिन, मैं रात को तो कभी कुछ पहनती ही नहीं सोते वक्त। घर पर तो बिना कपड़ों के ही सोती हूँ हमेशा। तेरे साथ थी तो टीशर्टस और शॉर्ट्स पहन लिया।

मैं फिर उसकी बात को बीच रोकते हुए घुटनों के बल उसकी चूत निहारने लगा। उसकी चूत हल्के बालों से घिरी हुई थी और चूत बिल्कुल अनछुई रूप से मुझे निहार रही थी। मैंने चूत की दोनों फाँक को खोलने की कोशिश की तो खुशी ने पैर बंद कर लिए।
मैंने सोचा कि जल्दी नहीं, पहले इसे प्यार करता हूँ।

मैं खुशी को वापस बाथ टब में अपनी गोद में लेकर बैठ गया और पानी से भरे टब में उसके साथ रोमांस करने लगा। अब हम एक दूसरे को किस करने लगे और एक दूसरे के साथ मस्ती। मैंने अपना लंड एकदम से साबुन लगाकर कर साफ़ किया और खुशी की चूत को भी साफ़ की।

नहाकर हम नंगे ही रूम में आये और एक दूसरे को बिना कपड़े से पूछे ही बिस्तर पर ले गये। गीले शरीर से मस्ती करने में ज्यादा मजा आ रहा था। खुशी अपने गीले बालों से बार बार मेरे चेहरे पर डाल रही थी और मैं मदहोश हो जाता।

मैंने खुशी को सीधा लेटाया और तौलिये से उसका पूरा जिस्म साफ किया और फिर तेल की बोतल अपनी बैग से निकाली और उसके पूरे शरीर पर डालने लगा। मैंने इतना तेल उसके शरीर पर डाला कि जम कर उसके शरीर पर फिसल सकूं।

तेल डाल कर मैं उसके शरीर पर मालिश करने लगा, उसे अच्छा लगने लगा। उसकी नाभि में तेल डाल कर उसे खूब देर तक प्यार किया। फिर तेल को पूरी शरीर पर मालिश के रूप में कर मैं उसके पैरों की उंगली के पास आकर उन्हें चाटने लगा।
मैं पैरों की उँगलियों को चाट रहा था और वो सिसकारियां ले रही थी।

मैं पैरों की सभी उंगलियों को चाट कर फिर धीरे धीरे ऊपर बढ़ने लगा और जाँघ तक पहुँचने में भी वक्त लग गया। उसकी जाँघ मेरे चाटने से गीली हो चुकी थी। मैं किस करते करते करते और पैरों को चाटते-चाटते उसके पैरों के बीचों बीच लेट गया और उसकी चूत को निहारने लगा, जाँघों पर हाथ फिराने लगा।

मैंने चूत की फाँकों को खोला और उसे सूँघने लगा और पल झपकते ही अपनी जीभ बाहर निकाली और चूत पर जीभ फिराने लगा। मैं उसकी गुलाबी चूत बहुत ही प्यार से चाट रहा था, वो अपने हाथों से मेरी चूत पर दबाव बना रही थी।
मुझे उसकी चूत बहुत प्यार लग रही थी, ऐसा लग रहा था बस चाटता रहूँ। मेरे हाथ कभी चूत पर आते तो, कभी पेट पर। कभी चूचों को दबाते हुए फिर चूत पर आ जाते।

करीब दस मिनट तक उसकी चूत को तरह तरह से चूसता रहा और चाटता रहा। खुशी की चूत से पानी निकल रहा था पर वो चूत गीली होने की वजह से आ रहा था। कामरस अभी तक चूत ने छोड़ा नहीं था और वही मुझे लग रहा था कि पहले खुशी को प्यार देकर उसे संतुष्ट करूँ।

फिर मैने खुशी की चुत मे लंड डाला वैसे ही वो जोर जोर से आवज़े करने लगी जिस से उसकी चुत मे मेरा लंड गया तो वो कहने लेगी जतिन आज तूने मुझे खुश कर दिया है ऐसी खुशी से मै बहुत खुश हूँ | 

ऐसे करके मैने उसकी प्यार से चुत ली जिस से वो खुश हो गयी थी |

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