मोहित ने मारी रंडी की चूत-Mohit Fucked A Girl Pussy

नमस्कार  दोस्तों,
मेरी कहानी Antarvasna sexy story in hindi  में आपका स्वागत है ! जिसमे देखिए कैसे मोहित ने मेरी चुत मारी !

यह कहानी मेरी है जो आज मैं पहली बार लिख रही हूँ।
तो पहले मैं आपको मेरे बारे में बता दूं.

मेरा नाम अनीता है और मैं जोधपुर की रहने वाली हूँ.
मेरी उम्र 21 साल है और मैं अभी  भूगोल की स्टूडेंट हूँ.

मेरे घर में सिर्फ दो सदस्य हैं मैं और मेरी गंडमरी मम्मी!
मेरा क़द 6’5’ है.
मेरे चुचे 36 इंच के, कमर 30 इंच और गांड भी 32″ की है।

मेरा रंग बिल्कुल गोरा है !
अब आप मेरे बारे में जान ही गए होंगे.

सेक्सी स्टोरी  शुरू करते हैं।

बात उन दिनों की है जब मैंने होश संभाल लिया था. लड़का लड़की के बीच एक रिश्ता चुदाई का भी होता है, ये मैं अच्छे से जान गई थी।
इसी पर मेरी मम्मी  की बदचलनी सोने पे सुहागे का काम कर रही थी.
उन्हीं के चुड़क्कड़ रंडीपने को देखते हुए मैंने 18 वें साल में कदम रख लिया था और हज़ारों बार मम्मी को नये नये भड़वों के नीचे चुदवाते देख चुकी थी।

उनकी चुड़क्कड़ लीला  देखकर अब मेरे भी चुचे अकड़ने लगे थे और मेरी हल्की झांटों वाली चूत भी ऐंठने लगी थी।
मैं भी मम्मी की तरह एक परिपक्व चुदक्कड़ रंडी बनना चाहती थी और उंगली करके चूत को शांत करती थी।

ऐसे ही दिन गुज़र रहे थे.

एक दिन मैं और मेरी सहेली जिसका नाम कविता  है, हम दोनों कॉलेज के कैंटीन में बैठी हुई थी.
तब वह बोली- अरे यार, मेरी सगाई की बात मेरे यार मोहित को पता चल गई है और वो अब मुझ से रिश्ता तोड़ने की बोल रहा है. कह रहा है अगर रिश्ता रखना है तो मुझे सगाई तोड़ना पड़ेगी।

तब मैंने कहा- तू फिक्र मत कर … मैं मोहित  से बात करूंगी तू मुझ से एक बार मोहित को मिला दे।
उसने कहा- मैं कल उसको कॉलेज बुला लेती हूं।

दूसरे दिन कविता  की तबीयत खराब हो गई और वो कॉलेज नहीं आयी.
उसने मुझे फ़ोन करके बताया- मोहित  कार में आएगा जिसके नम्बर मैं तुझे मैसेज कर रही हूं।

एक घंटे बाद उसी नम्बर की महंगी कार आयी जिससे मोहित उतरा और इधर उधर देखने लगा.
वह मुझे पहचानता नहीं था तो मैं उसको दूर से देखने लगी।

उसको देखते ही मेरी नियत फिसल गई और मैंने सोचा कविता को तो शादी के बाद लंड मिल जाएगा. क्यों न अपनी चूत के लिए ये अमीर लंड पटा लूं।

फिर मैं मोहित  के पास गई और बोली- हेलो मोहित , मैं कविता  की दोस्त अनीता  हूँ और मैंने ही आपको बुलाया है।
उसने कहा- जी हां बोलिए क्या कहना चाहती हैं आप?

मैंने कहा- आप कविता से रिश्ता क्यों तोड़ना चाहते हैं?
तब मोहित ने कहा- कविता  दोनों हाथों में लड्डू लेना चाहती है. या तो सगाई तोड़ दे या मुझ से रिश्ता।

इसी बात पर मैंने आग में घी डाल दिया और कहा- हां मोहित , आप ठीक कह रहे हो. वह आपको धोके में रखना चाहती है और आपको बेवक़ूफ़ बना रही है।

तब मोहित  मुझ से थोड़ा खुलकर बात करने लगा.
और मैंने रही सही कसर भी पूरी कर दी उन दोनों के बीच और ज़्यादा दरार पैदा कर दी.

अब तो मोहित  ने ठान लिया था कि वह कविता को छोड़ देगा।

तब मैंने मोहित  का मोबाइल नम्बर लिया और कहा कि वो जब चाहे मुझे फ़ोन कर सकता है।

दो दिन बाद पता चला मोहित और कविता अलग हो गए हैं।

तभी मैंने मोहित को व्हाट्स एप्प पर हेलो लिखकर भेजा.

2 घंटे बाद उसका जवाब आया और हम बातें करने लगे.
और मैं बातों ही बातों में उसके ज़ख्मों को सहलाने लगी।

जब वह पूरी तरह से भावुक हो गया, तब मैंने कहा- पुरानी बातों को भूल जाओ मोहित . आगे की सोचो. तुम बहुत अच्छे लड़के हो. सिर्फ तुम किसी से प्यार नहीं कर सकते बल्कि तुमसे भी कोई प्यार कर सकता है।
मोहित  ने कहा- मैं समझा नहीं?

तब मैंने मोहित  से कहा- मैं तुमको चाहती हूं … आई लव यू!
वह हक्का बक्का रह गया और उसने दूसरे दिन मुझ से मिलने को कहा।

बस फिर क्या था … दूसरे दिन मैंने अपनी चूत के बाल साफ किये और सबसे तंग ब्रा पहनी, गहरे गले का कमीज पहना और चल दी मोहित  से मिलने!

उस कमीज़ का गला इतना गहरा था कि मेरे आधे से ज़्यादा चुचे दिखाई दे रहे थे।

कॉफ़ी शॉप में जब मोहित ने मुझे देखा तो देखता ही रह गया।
फिर हमारी बातें शुरू हुई और सिर्फ आधे घंटे में मैंने मोहित को अपने काबू में कर लिया.

अब तो अगर मैं उसको मेरा मूत पीने को कहती तो भी वो पी लेता।

फिर मोहित  ने कहा- मुझे काम से जाना है, मैं तुम्हें घर तक छोड़ देता हूँ।

कार में बैठते ही मैंने मोहित  को ‘आई लव यू’ कहते हुए उसके गाल पे किस कर लिया।

फिर मोहित ने मुझे कुछ सेकंड देखा, फिर मुझे अपने ऊपर खींचा और मेरे होंठों को अपने होंठों में दबोच लिया।
मैंने भी उसका पूरा साथ दिया और दस मिनट का एक लंबा चुम्बन किया।

फिर उसने मुझसे कहा- आज मुझे ज़रूरी काम है. कल तुम अपने घर के नुक्कड़ तक आ जाना. हम दोनों मेरे नए घर पे घूमने चलेंगे।
उसके बाद उसने मुझे घर के पास छोड़ दिया।

अब रात को मैं बस यही सोच रही थी कि कल से मेरी चूत को भी चुदने के लिए एक लंड मिल जाएगा।
और यही सोचते सोचते मैं सो गई।

दूसरे दिन सुबह मैं अच्छे से तैयार हुई और 1 बजे मोहित का कॉल आया- मैं नुक्कड़ पर खड़ा हूँ, तुम जल्दी से आ जाओ।

मैं जल्दी से नुक्कड़ पर पहुची और झट से उसकी कार में बैठ गई।

कार में बैठते ही मोहित  ने मुझे अपने पास बैठने को कहा.
तो मैंने एक पैर कार के गियर की दूसरी तरफ डाला और मोहित  से चिपक कर बैठ गई।

तभी मोहित  ने मेरे होंठों पर एक जोरदार किस जड़ दिया।
और हम रवाना हो गए।

अब रास्ते में हम बाते करते हुए जा रहे थे तो मोहित  को बार बार गियर बदलना पड़ रहा था.
अब चूंकि गियर मेरी दोनों जांघों के बीच में था तो मोहित  गियर बदलने के बहाने कभी मेरी जांघ को सहला देता और कभी मेरी चूत को!
उसके इस सहलाने से मैं सिहर उठी।

अब मैं भी एक चुदककड रंडी की औलाद थी … मैंने अपनी पूरी जांघें खोल दी ताकि मोहित  को मेरी चूत और जांघें सहलाने का पूरा मौक़ा मिले।

ऐसे ही हम उसके घर पहुंचे जहाँ पर कोई भी नहीं रहता था, वहाँ ताला लगा हुआ था।

हम घर खोल कर अंदर गए.
उसने मुझे अपना पूरा घर दिखाया जो काफी बड़ा था।

फिर हम उस घर के सबसे बड़े बैडरूम में आकर बैठ गए.

मोहित  फ्रीज़ में से दो बियर की बोतलें लाया और एक बोतल उसने मुझे दी और सोफे पे बैठ गया।
उस वक़्त मैं बेड पर बैठी थी।

तब मोहित ने कहा- इतनी दूर क्यों बैठी हो, मेरे पास आओ।

मैं भी बेशर्म कुतिया की तरह उठी और उसकी गोद में बैठ गई।

उसने मेरा दुपट्टा खींच कर फेंक दिया और बीयर पीते पीते बातें करता रहा और मुझे सहलाता रहा।
मैं भी ठंडी बियर पीते पीते अपने जिस्म पर एक मर्द के हाथों को महसूस करके मज़े ले रही थी।

कुछ ही देर में हमारी बाते कम होती गई और मोहित के हाथ मेरे कमीज़ के अंदर घुस गए और मेरे चुचे मसलने लगे।
कुछ देर मेरे चुचे मसलने के बाद उसने मेरे कमीज को उतार फेंका और मेरी ब्रा के हुक खोल दिये।

हुक खोलते ही उसने मेरी ब्रा एक झटके में खींच कर ज़मीन पर फेंक दी।

जैसे ही मोहित ने ब्रा खींची, मेरे दोनों मख़मली कबूतर फड़फड़ा के बाहर आ गए।

मेरे दूधिया चुचे देखते ही वह उन पर टूट पड़ा और बेतहाशा उन्हें चूसने लगा।

अभी बियर की बोतल आधी ही खाली हुई थी और मैं आधी नंगी हो चुकी थी।

जब मोहित  मेरे चुचे चूस रहा था तब मैंने जानबूझकर अपने चूचों पर बियर गिराई जिससे वो और मस्ती में आ गया और मेरे रसीले चूचे चूसने लगा.

फिर मोहित  ने मेरे दोनों चूचों को अपने हाथों से आपस में मिलाकर दबा दिया जिससे मेरे चुचों की दरार में एक नाली जैसी दरार बन गई.

तब मोहित ने कहा- बियर को तुम चुचों की दरार में डालो!
जब मैंने बियर डाली तो मेरे चुचों की दरार में बियर भरने लगी जिसे मोहित  किसी कुत्ते की तरह पीने लगा।

इसी तरह चुचों के नशीले जाम पिलाते पिलाते काफी बियर मेरे पेट पर से रिसती हुई मेरी चूत तक पहुँच गई थी।

जब बियर खत्म हो गई तो मोहित ने मेरे चूतड़ों पर 5 करारे थप्पड़ रसीद कर दिए.
मेरी गांड को पकड़ कर मुझे उठाते हुए वह खड़ा हो गया और मुझे लेजाकर बेड पर पटक दिया।

फिर मोहित  ने अपने सारे कपड़े खोल दिये जिससे मैंने पहली बार मोहित का लौड़ा देखा।
क्या बताऊँ दोस्तो … क्या लौड़ा था उस मादरचौद का … हवा में लहराता जैसे कोई मोटा काला नाग हो।

उसके लौड़े को देखकर मेरी चूत में से पानी रिस गया।

फिर वह मेरे ऊपर लेट गया, मेरे होंठों को चूसने लगा और मेरे दोनों चुचों को पूरी ताक़त से मसलने लगा.

कुछ देर बाद वो मेरे जिस्म को चूमता और चाटता हुआ वो मेरी सलवार के नाड़े तक पहुँचा और उसने अपने मुंह से मेरी सलवार के नाड़े की गांठ खोली।

जैसे ही सलवार की गांठ खुली, मोहित  ने मेरी सलवार के साथ ही मेरी पेंटी भी मेरी जांघों से खींच ली और कहीं हवा में उड़ा दी।

अब मैं और मोहित उस कमरे में पूरी तरह मादरजात नंगे थे।

सलवार उतरने के बाद जब मोहित ने मेरी गुलाबी चूत के दर्शन किये तो वह मेरी चूत पर टूट पड़ा और चूसने लगा।

चूत चुसाई से मेरे चुचे ऐंठने लगे और मुझे मज़ा आने लगा।

जब मोहित ने जी भर के मेरी चूत चाट ली तब वो उठा और मेरे सीने के इर्द गिर्द पैर डाल कर मेरे चूचों पर बैठ गया।
जब वो मेरे चुचों पर बैठा था तब उसका लौड़ा मेरे होंठों तक पहुँच रहा था।

उसने कहा- चलो मेरी जान इस काले नाग को चूसकर कड़क और चिकना कर दो ताकि ये तुम्हारी चूत को डस सके।
तब मैंने उसका लंड अपनी मुट्ठी में जड़ से पकड़ लिया लेकिन उसका लौड़ा काफी मोटा था मुश्किल से ही मुट्ठी में समा रहा था।

जैसे तैसे मैंने लौड़ा पकड़ा और मुंह में लेकर चूसने लगी.
लौड़ा चूसते हुए मुझे लौड़े से पेशाब की मादक ख़ुशबू आई जो चुसाई को और रंगीन कर रही थी।
मैं पूरी शिद्दत के साथ चुसाई कर रही थी और मोहित  भी मेरे मुंह को हल्के झटकों से चौद रहा था।

बीस मिनट की चुसाई के बाद मोहित  ने मेरे मुंह से लौड़ा खींच लिया.

तब मैंने देखा उसका लौड़ा पूरी तरह से राकेट की तरह खड़ा हो चुका था।
उसी पल मोहित ने एक तकिया मेरी गांड के नीचे रखा और मेरे पैर उठाये और पीछे को मोड़ दिए।

दिन की दोपहरी थी और पूरी तरह उजाला था उस उजाले में मेरी गुलाबी चूत किसी खिले हुए गुलाब की तरह मोहित  के सामने परोसी हुई थी।

फिर मोहित  ने लौड़े के सुपारे से मेरी चूत के क्लिट को मसलना शुरू किया.

तब मैं बोल पड़ी- मोहित  मेरी जान, मैं पहली बार सुहागरात मना रही हूं. प्लीज धीरे से करना।
मोहित  ने कहा- हाँ मेरी जान, तुम्हारी चूत का पूरा ख़्याल रखूंगा।
ये कहते हुए मोहित ने मेरी चूत पे लौड़ा सेट किया और पूरी ताक़त से झटका लगाया।

वैसे तो मैंने चूत में उंगली, पेंसिल, बैंगन डाले हुए थे मगर फिर भी मोहित  का लौड़ा काफी मोटा था खासकर के उसका सुपारा।

इस हमले से मोहित  का आधे से ज़्यादा लौड़ा मेरी चूत में समा गया।
हमला काफी ज़ोरदार था फिर भी मैंने लौड़े के सुपारे को चूत में घुसते हुए पूरी तरह महसूस किया।
इस हमले से मेरे मुंह से एक कराहती हुई ‘आह’ निकल गई और दर्द के मारे मैंने अपनी गांड को उछाल दिया।

लेकिन मोहित  की पकड़ मजबूत थी तो उसने जांघो को छोड़ा नहीं और मेरे संभलने से पहले ही दूसरा झटका पेल दिया।

फिर मेरे मुंह से आह निकली तब तक तो मोहित  का पूरा लंड मेरी चूत में समा चुका था।

सेक्सी स्टोरी हो चुकी थी.

कुछ देर मोहित ने झटके नहीं लगाए और मुझे सहलाता रहा।
जब मैं संभल गई तब उसने झटके लगाना शुरू किए।

25 मिनट तक हल्के झटकों से मेरी चूत अच्छे से चिकने पानी से सराबोर हो चुकी थी और अब मोहित  का लौड़ा आसानी से मेरी चूत में अंदर बाहर फिसल रहा था।

इन्ही हल्के झटकों से मेरी चूत का दर्द कब मज़े में बदल गया पता ही नहीं चला।
अब मैं लंड के मज़े लेने लगी।

मोहित  एक अनुभवी चुदाई करने वाला था तो वह समझ गया कि अब मुझे मज़ा आने लगा है।
तब उसने झटके गेहरे और तेज़ कर दिए।

अब उसका लौड़ा पूरी तरह मेरी चूत में पूरा अंदर बाहर गपागप फिसल रहा था और मैं आसमान में उड़ रही थी।

दस मिनट बाद वो रुका और नीचे लेटते हुए मुझे अपने लौड़े पर बैठा लिया।
मैं समझ गई कि अब मुझे लौड़े की सवारी करनी है क्योंकि मम्मी को लंड की सवारी करते देख ही बड़ी हुई थी।

अब मैं ख़ुद लन्ड की सवारी कर रही थी और मोहित नीचे से झटके लगाते हुए मेरा साथ दे रहा था।

कुछ देर बाद मैं झड़ने वाली थी.
तब उसी टाइम मोहित ने मेरे चुचे मसलने शुरू कर दिए जिसने आग पर घी का काम किया।
उस वक़्त मैं पूरी शिद्दत से झड़ी और थक कर बैठ गई।

फिर मोहित ने मुझे नीचे उतारा और मुझे कुतिया बना दिया।
वह मेरे चूतड़ों के पीछे पीछे आया और मेरी चूत में लंड घुसेड़कर मुझ पर सवार हो गया।

जब वह मुझे कुतिया बना कर किसी वेश्या की तरह चौद रहा था, तब उसके झटके काफी तगड़े थे.
मोहित का लंड मेरी बच्चेदानी तक पहुंच रहा था.

25 से 30 मिनट उसने मुझे लगातार चोदा और फिर मेरी चूत में ही अपनी गर्म मलाई की पिचकारी मार दी.
उसी टाइम मैं भी एक बार और झड़ गई।

फिर हम दोनों ऐसे ही नंगे कुछ देर एक दूसरे से चिपके पड़े रहे।

तब तक दिन के 3 बज चुके थे तो मोहित  ने खाना आर्डर करके मंगाया और हमने पूरे नंगे ही बैठकर खाना खाया.

खाने के बाद हमने दो बार और चुदाई रासलीला मनाई।

मोहित तो मुझे और चोदना चाहता था और मेरी गांड का छेद भी मारना चाहता था.
मगर मैंने मना कर दिया क्योंकि मैं नहीं चाहती थी कि वह मुझे चुदक्कड़ रंडी समझे.

और वैसे भी मैं काफी चुद चुकी थी.

फिर हम दोनों नहाये और मोहित ने मुझ से फिर से मिलने का वादा लिया और घर के पास तक छोड़ दिया।

अगली कहानियों में मैं आपको बताऊँगी कि मैंने मोहित  को अपनी गांड का तोहफा कब और कैसे दिया.
और कैसे मैं उसको अपने घर तक ले गई और कैसे मेरी मम्मी ने मोहित का भी लंड चूसा !
इस कहानी में बस इतना ही।
नंगी रंडीपन आती रहेंगी।

हिंदी सेक्सी स्टोरी पर अपने विचार मेरी चूत में अवश्य भेजें.
आपकी और सिर्फ आपकी लंड की प्यासी आपकी अनीता आपको कहानी कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताये और हमारी वेबसाइट www.antarvasnakatha.com पर डेली विजिट कर आनंद लें !

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