सेक्स से मजबूर पति पत्नी भाग 1-Husband Wife Forced Into Sex Part 1

दोस्तो, अब मेरा प्रयास ये होने लगा है कि अब मेरी कहानियां लीक से हटकर मेरे किसी पाठक या परिचित की जिन्दगी से जुड़ी किसी सेक्स घटना पर आधारित हों.

आज की कहानी मेरे एक पाठक साहिल शर्मा  की है.
साहिल का पुश्तैनी व्यापार था. अपने पिता की अकेली संतान थे. खूब चलती हुई दुकान थी.

साहिल अब 45  साल की उम्र पर आ गए थे. बड़ा पुश्तैनी मकान, पर रहने वाले अकेले.

hot hindi sexy story कहानी आज से 20 साल पहले से शुरू करते हैं.
साहिल जवानी से ही बहुत शौक़ीन और आकर्षक व्यक्तित्व के व्यक्ति थे.
शर्मा  समुदाय में प्रायः बच्चे सुंदर होते ही हैं.

साहिल की भी जवानी में एक बहुत आकर्षक व्यक्तित्व की चुलबुली लड़की तमन्ना  से नैन मटक्का हुआ.
अभी साहिल मात्र 25 वर्ष के थे और तमन्ना  22 की.
दोनों पास के कॉलोनी में ही रहते थे, आपस में घरों में आना जाना था.

उन दोनों की लव स्टोरी एक साल तक छिपते-छिपाते चलती रही; लुक छिप कर दोनों पिक्चर भी देख आते.

बाद में इतनी हिम्मत बढ़ने लगी कि दोनों तमन्ना  की एक सहेली के घर पर भी एकांत में मिलने लगे.

जवानी ऐसी जोर मारने लगी की तमन्ना  ने अपनी सहेली को पटा लिया की वो उन्हें कुछ देर के लिए अकेला छोड़ दिया करे,
अब साहिल और तमन्ना  बंद कमरे में चोंचें लड़ाने लगे.

तमन्ना  ने शुरुआत में तो मना किया पर उसकी भी जवानी उबाल रही थी और साहिल के प्यार में वो दीवानी हो गयी थी.
तो चुम्बनों से शुरू हुआ तूफ़ान फिर मम्मे दबाने और चूत में उंगली करने से होता हुआ शारीरिक संबंधों पर आ ही गया.

साहिल तमन्ना  को इतना गर्म कर देता कि अब तमन्ना  खुद ही साहिल का लंड पकड़ लेती.
दोनों ने यह कसम मंदिर में खा ली थी कि इस साल हम शादी कर ही लेंगे … वो भी घर वालों की रजामंदी से.

तमन्ना  को साहिल पर विश्वास था.
अब महीने में एक दो बार दोनों मिलने लगे एकांत में और अब उनके बीच भरपूर सेक्स भी होने लगा.

डेढ़ दो घंटे उन्हें मिलता था एकांत का, तो इतना तो बहुत है अपनी जिस्म की आग बुझाने के लिए!

तमन्ना  ने कई बार कहा- अपने अपने घर वालों से बात कर लेते हैं.
पर बस यहीं साहिल बात को टाल देता.

वैसे तो तमन्ना  बिना कंडोम के सेक्स नहीं करती, पर कई बार कंडोम एक होता और राउंड दो लग जाते.

दोनों में प्यार की पींगें ऐसी बढ़ी कि तमन्ना  गर्भ से हो गयीं.
अब आनन-फानन में दोनों के परिवारों ने आपसी सहमति से दोनों की शादी करवा दी.

हनीमून पर दोनों काश्मीर गए.
हालाँकि तमन्ना  पेट से थी पर जितना लुत्फ़ हनीमून का हो सकता था, दोनों ने उठाया.

बाद में तमन्ना  हँसती हुई अपनी सहेली  से कह रही थी- इन सात दिनों में साहिल ने मुझे टांगें नीचे करने ही नहीं दीं.

तमन्ना  की मनपसंद सेक्स पोजीशन थी साहिल के ऊपर बैठकर उसकी घुड़सवारी करते हुए चुदाई करना.
इसमें उसके मम्मे लहराते तो साहिल उन्हें लपक लेता.

उनकी बेपनाह मोहब्बत का अंजाम भी समय से आ गया.
27  वर्ष के होने से पहले ही साहिल एक सुंदर और स्वस्थ बच्चे के पिता बन गए.
मां बनने के बाद तमन्ना  की सुन्दरता और बढ़ने लगी.

दोनों की जबरदस्त जोड़ी थी.
तमन्ना  बहुत घरेलू पर चुलबुले स्वभाव की थी.
साहिल की मां ने उसे बेटी जैसा प्यार दिया.

दोनों सेक्स के शौक़ीन थे, इसका प्रमाण तो उन्होंने शादी से पहले ही दे दिया था.
पर शादी के बाद उनका उतावलापन इतना बढ़ गया कि पूरे कुनबे और दोस्तों की बिरादरी में आपस में खुल्लम खुल्ला प्यार के लिए बदनाम थे दोनों!

लेकिन काम के प्रति साहिल और घर की जिम्मेदारियों के प्रति तमन्ना  बहुत गंभीर थी.
तो किसी को कोई शिकायत नहीं थी.

बेटा करण  पढ़ाई में बहुत तेज निकलता चला गया और प्रारम्भिक शिक्षा के बाद अपने नंबरों के बल पर दून स्कूल में प्रवेश पा गया.

हालाँकि उसके घर वाले इस पक्ष में नहीं थे कि एकमात्र बच्चे को पढ़ने बाहर भेजा जाए.
पर उसके भविष्य और सम्बंधित अध्यापकों की राय पर सब ने जी कड़ा करके करण  को पढ़ने बाहर भेज दिया.

एकमात्र बच्चे के बाहर जाने के बाद अब तमन्ना  पर काम की जिम्मेदारी और कम हो गयी.
दूकान से आने के बाद साहिल का पूरा समय अपने कमरे में ही बीतता या साप्ताहिक छुट्टी के दिन दोनों गाड़ी लेकर कहीं घूमने निकल जाते.

सेक्स में इतना मन रमता था दोनों का कि रोज कुछ नयापन सेक्स में हो, इसका प्रयास तमन्ना  करती.

चलती गाड़ी में जितना सेक्स हो सकता था उन्होंने किया.
लॉन्ग ड्राइव पर तमन्ना  के लाख मना करने पर भी साहिल नहीं मानता बिना तमन्ना  की चूत में उंगली किये.

अब तमन्ना  भी गर्म हो जाती तो वह जींस की ज़िप खोल कर साहिल का लंड बाहर निकाल लेती और लपर लपर चूसती.

लॉन्ग ड्राइव पर जाने पर  आसपास के जंगल सा था तो साहिल कितनी ही बार झुटपुटे में गाड़ी खड़ी करके तमन्ना  को चढ़ा लेता अपने ऊपर.
तमन्ना  फटाफट एक सेक्स सेशन को अंजाम देती और फिर उनकी गाड़ी आगे चल पड़ती.

साहिल की माँ ने अपनी ही बिरादरी की एक असहाय और अकेली महिला कंचन को सहारा देने के लिए अपने घर पर घरेलू कामकाज के लिए रख लिया था.

कंचन  का दुनिया में कोई नहीं था.
सुन्दरता के बल पर उसकी शादी एक पैसे वाले घर में हो गयी.

उसका पति बहुत शौकीन था तो कंचन  को पति ने कपड़ों-गहनों से लाद दिया था.
पर बस उसके पति को सेक्स की बीमारी थी.
वह हर समय सिर्फ सेक्स सोचता वो भी अमानवीय तरीके से.

कंचन  को यह बाद में मालूम पड़ा कि वह नपुंसक है, बच्चे पैदा करने में असमर्थ … और गांडू है.
उसका कोई शराबी दोस्त है जो उसकी गांड मारता है.

कंचन  ने इसे भी नियति मान लिया.

पर हर समय सेक्स की डिमांड, न दिन देखता, न रात. सबके बीच से खींच ले जाता सेक्स के लिए और फिर कमरे में शुरू होता यातना का दौर.
उसे सनक थी कि हर समय जिस्म चिकना रखो.
अब रोज-रोज तो वैक्सिंग कैसे करती कंचन .

इसी बात पर वह हाथ छोड़ देता.
पागलपन इतना कि कंचन  के प्राइवेट पार्ट्स में कभी बोतल घुसा देता, कभी खीरा कभी कुछ और!
कंचन  के लाख हाथ जोड़ने पर भी पीछे से सेक्स जरूर करता.

कुल मिला कर कंचन  परेशान हो गयी.

एक दिन तो हद हो गयी.
उसका पति अपने उसी शराबी दोस्त को घर लिवा लाया.
कंचन  कमरे से बाहर आ गयी.

थोड़ी देर बाद जब किसी काम से कमरे में गयी तो देखा कि उसके पति और उसके दोस्त ने अपने कपड़े उतार रखे हैं.
उसका दोस्त कंचन  के पति की गांड मार रहा था.

कंचन  को देख कर दोनों ठिठके.
जब कंचन  बाहर जाने लगी तो उसके पति ने उसे जबरदस्ती रोक लिया और दोस्त के सामने ही कंचन  को जबरदस्ती नंगी कर लिया.
कंचन  रोती रही.
पर उसे कोई फर्क नहीं पड़ा.

उसने कंचन  के पीछे अपना लंड घुसा दिया और उसके दोस्त ने कंचन  के पति की गांड में अपना लंड घुसा दिया.
कंचन की चीख निकल रही थी.
पर उसकी पुकार सुनने वाला कोई नहीं था.

इसके बाद कंचन का पति कंचन  को भी मजबूर करने लगा कि वह उसके दोस्त के साथ भी सेक्स करे.

कंचन बाथरूम के बहाने से बाहर आयी और ऐसे ही तुरंत घर छोड़ कर भाग आई.
मगर जाती कहाँ?
तो अपने स्वर्गवासी पिता को एक मित्र के घर आसरा लेने पहुंची.

वहां भी उसका पति आकर गाली गलौज करता तो उसके पिता के मित्र ने उसे इस शहर में भेज दिया और यहाँ वह एक वृद्धाश्रम में रहने लगी.

कंचन अच्छी पढ़ी-लिखी थी, स्कूल वगैरा में नौकरी भी की.
पर अकेली महिला को इस समाज के भूखे भेड़िये खा जाना चाहते हैं.
तो कंचन  उसी वृद्धाश्रम में सेवा कार्य करने लगी.

पढ़ी लिखी होने से पूरा वृद्धाश्रम उसने ही संभाल लिया था.
पर वहां भी उसका गठीला बदन और ख़ूबसूरती उसे खा गयी.

एक राजनीतिक छुटभैया उस पर निगाह रखने लगा और एक रात के अँधेरे में उसने कंचन  से जबरदस्ती करने की कोशिश की.
तो कंचन अपनी इज्जत बचा कर बाहर भागी और सामने से आती साहिल की मां से जा टकराई और उनसे लिपट कर रो पड़ी.

बस इतनी सी कहानी थी कंचन  की!
उसे साहिल की मां ने अपने घर का सदस्य बना लिया.

कंचन की  तमन्ना से कम उम्र थी.
पर सही मायनों में उससे ज्यादा सुंदर और काम में बहुत सलीकेदार.

धीरे-धीरे कंचन  ने तमन्ना  को दीदी बनाकर उसके दिल में जगह बना ली और पूरे घर का दायित्व संभाल लिया.

उनका कमरा इतने बड़े मकान में ऊपरी मंजिल पर था.
नीचे साहिल के माता पिता रहते और ऊपर साहिल और तमन्ना .

ऊपरी मंजिल पर ही उनके कमरे के बगल में कंचन  का कमरा और बाथरूम था.

बाथरूम दोनों के मिले हुए थे.
मतलब किसी भी बाथरूम की आवाज दूसरे में जाना लाज़मी था.

साहिल और तमन्ना  तो रात के आठ बजे तक कमरे में बंद हो जाते अगले दिन सुबह तक के लिए.
पर कंचन  को किचन का काम निपटाते निपटाते रात के 11 बज ही जाते.

उस समय भी साहिल तमन्ना  के कमरे से धमाचौकड़ी की खुसरपुसर बदस्तूर आती थी.
पर कंचन  दबे पाँव अपने कमरे में जाती जिससे साहिल को डिस्टर्बेंस न हो.

अब बिस्तर पर पड़े पड़े तमन्ना  और साहिल की आहें और हांफने की आवाजें कंचन  को बहुत बेचैन रखतीं.
साहिल और तमन्ना  सेक्स के बाद रात को सोने से पहले शावर जरूर लेते.

तो बाथरूम से उनकी चटपटा चटपटा और चूमा चाटी की आवाजें सुन कंचन  की चूत में चीटियाँ सी रेंगती.
अक्सर उसकी उंगली अपने दाने को मसलने लगती.

पर जल्दी ही कंचन  अपने मन को समझा लेती कि अब उसे ये सपने देखने का भी कोई हक़ नहीं.

साहिल पूरी तरह पत्निव्रता थे.
उन्होंने कभी किसी दूसरी स्त्री को गलत निगाह से देखा ही नहीं.
और जरूरत भी क्या थी उनकी … तमन्ना  उनकी हर फरमाइश पूरी करती.

चाहे सेक्स की हो, चाहे पाश्चात्य स्टाइल के कपड़े पहनने की हो, चाहे कोई और शौक हों जो आमतौर पर उस जमाने की लड़कियां करने में संकोच करती थीं.

अब उनकी आहों की आवाज नीचे भले ही न जाए, पर कंचन  तो बेचैन रहती ही थी.
वह लाख कोशिश करती उनके कमरे से आती आवाजों पर से ध्यान हटाने की … पर ऐसा हो नहीं पाता.

अक्सर ही कमरे की सफाई के दौरान उसे कंडोम के खाली पैकेट या हैण्ड टॉवेल बेड के नीचे पड़े मिलते.

एक बार तो उसे बेड पर तकिए के नीचे वाइब्रेटर भी रखा हुआ मिला.
तमन्ना  बहुत लापरवाही थी इस मामले में.

घर का सामान बाज़ार से कंचन  ही लाती.
तमन्ना  उसे कितनी ही बार वैक्सिंग क्रीम मंगाती और पैसे अलग से देती कि मांझी को मत बताना!

कंचन  भी सोचती कि इतनी वैक्सिंग क्रीम और स्ट्रिप्स का  करती क्या हैं.
इतना तो वो भी नहीं लगाती थी अपने जिस्म पर जबकि उसका पति तो पागल था चिकनेपन का!

साहिल के दूकान से आने के बाद तमन्ना  कमरे में ही रहती.
नीचे से आवाज आने पर बस तमन्ना  फटाफट नाईटी पहनती और काम करके ऊपर भाग आती.

वह दिन में ही सारा काम संभाल लेती साहिल के आने से पहले तो साहिल की माँ को भी कोई शिकायत नहीं रहतीं.
और साहिल की माँ भी अपने बेटे की रंगीनियत से वाकिफ थी.

बस यूं ही रंगीनियत लिए जिम्मेदारी और जिन्दगी चल रही थी.
पैसे की खूब आमद थी तो खर्चों पर कोई रोक नहीं थी.

साहिल के पिता ने व्यापार की पूरी जिम्मेदारी साहिल पर सौंप दी थी.
साहिल बहुत समझदार थे, पैसा जोड़ कर चलते थे, बर्बाद नहीं करते थे.

तमन्ना  अब पूरी तरह से कंचन  पर निर्भर थी.
कंचन  ने घर की हर जिम्मेदारी को बखूबी संभाल लिया था.

चाहे घर का सामान आना हो या पैसे का लेन-देन; चाहे दुकान से पैसे आने हों, नया गिरवी के जेवर रखने हों, साहिल और तमन्ना  को कंचन  पर इतना विश्वास था कि तमन्ना  अलमारी की चाभी उसे दे देती और तमन्ना  सब काम बखूबी कर लेती.

जिम्मेदारियां निभाते हुए भी उनकी निजी जिंदगी की रूमानियत कम नहीं हुई.

आज कंचन  को आठ साल  हो गए इस घर में!
तमन्ना  कंचन  दोनों उम्र थीं और कंचन  खासी पढ़ी लिखी और सभ्य थी तो दोनों की मित्रता गाढ़ी हो गयी थी.

कंचन  तमन्ना  को दीदी जरूर बोलती थी पर दोनों के हंसी मजाक चलते रहते.

कंचन  से तमन्ना  अपनी मालिश और वैक्सिंग वगैरह भी करवा लेती.
तमन्ना  कंचन  को जोर देते कि वह अपनी भी वैक्सिंग करके अच्छी बन कर रहा करें.

कंचन  कहती कि किसके लिए करूँ ये सब!
तो तमन्ना  झिड़क देती- अपने लिए करो!
दोनों की गहरी बनती थी आपस में!

एक दो बार तो ऐसा हो गया कि साहिल को कभी कभार पीने की भनक लग जाती.
यह पीता भी तमन्ना  के साथ ही था.

तो उस रात तमन्ना  पहले ही कंचन  को बता देती कि अगर उसके कमरे से antarvasna hot sex  का ज्यादा शोर आये तो प्लीज़ नीचे मत बताना.

एक रात तो हद ही हो गयी.
जब कंचन को इनके कमरे से कुछ गिरने की आवाज आई.

नीचे से साहिल के पिता ने पूछा- क्या गिरा?
तो कंचन ने बात संभाली- कुछ नहीं मेरा पैर टकरा गया, मेज लुढ़क गयी.

पर जब वह साहिल के कमरे में पहुंची तो हल्का सा धक्का देने से दरवाजा खुल गया और अंदर सोफे पर साहिल और तमन्ना  पीकर टुन्न पड़े थे बिलकुल नंग धड़ंग और बगल में मेज उलटी पड़ी थी.
उस पर से शराब की बोतल सोडे की बोतल और जग वगैरा नीचे गिरे पड़े थे.

तमन्ना  को हल्का सा होश था.

कंचन  ने उसे सहारा देकर बेड पर लिटाया और साहिल के ऊपर एक चादर डाल दी और हँसती हुई कमरे से बाहर आ गयी.

सुबह ही 6 बजे उसके कमरे में तमन्ना  आ गयी और बहुत शर्माते हुए उसने उससे माफ़ी मांगी.
कंचन  हँसती हुई बोली- पीते समय कम से कम कपड़े तो पहन लिया करो.

अब तमन्ना  क्या बताती कि ‘साहिल को सनक चढ़ गयी थी कि तुम मेरे ऊपर बैठकर, मेरा लंड अंदर लेकर पेग बनाओ और दोनों ऐसे ही पीते-पीते बेसुध हो गए.’

खैर, तमन्ना  कंचन  पर पूरा भरोसा करती थी.
हाँ, साहिल जरूर एक दो दिन कंचन  से नजर बचाता रहा.

कंचन  को भी अब आदत हो गयी थी उनके कमरे से आती आह … आह … की आवाजें सुनने की.
वह बस मुस्कुरा देते.

हालांकि ये आवाजें उसके टूटे हुए सपनों को जगाती … पर कंचन  समझ गयी थी कि अब ये सब सपने हैं उसके लिए.
रोटी और छत मिल रही है, यह क्या कम है.  

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इसका अगला भाग – सेक्स से मजबूर पति पत्नी भाग – 2 

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